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रजिस्ट्रेशन फेल होने के बाद भी झारखंड में चल रहे कई रेडियोलॉजी सेंटर, चोरी-छिपे कर रहे हैं अल्ट्रासाउंड जांच

राजधानी के कई रेडियोलॉजी सेंटर के संचालक इन नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं. कई रेडियोलॉजी सेंटर के रेडियोलॉजिस्ट ने काम छोड़ दिया है, जिसकी वजह से उनके यहां अल्ट्रासाउंड जांच बंद है

बिपिन सिंह, रांची :

राजधानी में स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे नियमों की अनदेखी कर रेडियोलॉजी सेंटर चलाये जा रहे हैं. रजिस्ट्रेशन फेल होने के बाद विभाग की फाइलों में कई रेडियोलॉजी सेंटर महीनों से सील हैं, जबकि सच्चाई यह है कि ये सेंटर अब भी चोरी-छिपे अल्ट्रासाउंड जांच कर रहे हैं. कई रेडियोलॉजी सेंटरों में ‘फॉर्म-एफ’ भरे बिना ही गर्भवती महिलाओं की जांच की जा रही है. ऐसी स्थिति में ‘भ्रूण का लिंग जांच’ से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. ये सभी तथ्य ‘प्रभात खबर’ की पड़ताल में उजागर हुए हैं. ‘पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट’ के प्रावधानों के मुताबिक रेडियोलॉजी सेंटर का रजिस्ट्रेशन समाप्त होने से एक महीने पहले न केवल इसका रिन्युअल कराना होता है, बल्कि रजिस्ट्रेशन समाप्त हो चुके रेडियोलॉजी सेंटर को बंद कर मशीन और उक्त कमरे को अगले आदेश तक पूरी तरह से सील रखना होता है. लेकिन, राजधानी के कई रेडियोलॉजी सेंटर के संचालक इन नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रहे हैं. कई रेडियोलॉजी सेंटर के रेडियोलॉजिस्ट ने काम छोड़ दिया है, जिसकी वजह से उनके यहां अल्ट्रासाउंड जांच बंद है. नियमानुसार, ऐसे सेंटरों को विभाग को इसकी जानकारी देते हुए मशीन को डिस्मेंटल करना होता है. साथ ही विभाग के समक्ष रजिस्ट्रेशन सरेंडर करते हुए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है. लेकिन, इस नियम का भी पालन नहीं किया जा रहा है.

भ्रूण के लिंग जांच की आंशका :

नियमानुसार, गर्भवती महिलाओं की अल्ट्रासाउंड जांच से पहले फॉर्म-एफ (ऑफलाइन और ऑनलाइन) भरना जरूरी है. इसमें गर्भवती महिला का नाम, पता, मोबाइल नंबर, डॉक्टर का रिमार्क, आधार नंबर और मरीज या उसके परिजन का डिक्लेरेशन भरा जाता है. ‘प्रभात खबर’ की पड़ताल में यह बात सामने आयी कि राजधानी के कई रेडियोलॉजी सेंटरों में गर्भवती महिलाओं की जांच बिना ‘फॉर्म-एफ’ भराये ही की जा रही थी. यह स्थिति भ्रूण के लिंग जांच की ओर इशारा करती है.

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राजधानी के रेडियोलॉजी सेंटरों का आंखों देखा हाल

सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट हॉस्पिटल : सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट हॉस्पिटल, बरियातू में जब दिन के 1:00 बजे जानकारी ली गयी तो बताया गया कि यहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा फिलहाल नहीं है, क्योंकि अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट ने सेवा समाप्त कर दी है. रजिस्ट्रेशन समाप्त हो गया है, इसे सरेंडर कर दिया गया है.

गुलमोहर हॉस्पिटल : गुलमोहर हाॅस्पिटल, डुमरदगा में ऑर्थोपेडिक सर्जन के यहां जब दिन के 1:00 बजे जानकारी ली गयी, तो बताया गया कि यहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा फिलहाल नहीं है, क्योंकि रजिस्ट्रेशन समाप्त हो गया है.

शीला क्लिनिक : ओल्ड एजी कॉलोनी स्थित शीला क्लिनिक को अल्ट्रासाउंड का रजिस्ट्रेशन रद्द होने का नोटिस विभाग की ओर से भेजा गया है. पर 21 सितंबर को दोपहर 1:00 बजे बात करने पर क्लिनिक के अंदर से बताया गया कि 700 रुपये फीस चुकाने पर टेस्ट हो जायेगा, लेकिन यह आज नहीं कल होगा.

राजधानी के रेडियोलॉजी सेंटरों का आंखों देखा हाल

मेडिकेयर अस्पताल

मेडिकेयर अस्पताल, कांटाटोली के जिस कमरे में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बैठती हैं, उसी में अल्ट्रासाउंड मशीन लगी हुई है. हालांकि, अल्ट्रासाउंड का रजिस्ट्रेशन फेल है. रेडियोलॉजिस्ट ने यहां काम करना बंद कर दिया है, लेकिन फीस लेने के बाद यहां सामान्य रिपोर्ट मौखिक तौर पर बता दी जाती है.

ट्रस्ट डायग्नोस्टिक

कडरू मोड़ स्थित ट्रस्ट डायग्नोस्टिक का रजिस्ट्रेशन फेल है. फिर भी यहां ऑन कॉल अल्ट्रासाउंड जांच करने की बात कही गयी. डॉक्टर की पर्ची दिखाने पर सामान्य टेस्ट के लिए “1400 चुकाने के बाद शाम 5:00 बजे जांच का समय दिया गया. विशेष परामर्श के लिए 9264472904 नंबर पर संपर्क करने को कहा गया.

एएच आइवीएफ

टैगोर हिल इलाके में एएच आइवीएफ के रेडियोलॉजी सेंटर का रजिस्ट्रेशन फेल है. फिर भी यहां डॉक्टर की पर्ची दिखाने पर जांच करने की बात कही. सामान्य जांच का रेट “1300 से “1500 बताया गया. जांच के लिए 29 सितंबर सुबह 8:30 बजे का नंबर भी दिया गया.

द विनायका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर

द विनायका हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, अमेठिया नगर, नामकुम में 29 सितंबर की शाम 4:00 बजे के करीब अल्ट्रासाउंड जांच के बारे में जानकारी ली गयी, तो बताया गया कि यहां अल्ट्रासाउंड की सुविधा फिलहाल नहीं है. क्योंकि रजिस्ट्रेशन समाप्त हो गया है.

रजिस्ट्रेशन फेल हो चुके अल्ट्रासाउंड सेंटर की सूची

एएच आइवीएफ इनफर्टिलिटी सेंटर, टैगोर हिल रोड

ट्रस्ट डायग्नोस्टिक, कडरू मोड़

विनायक क्लिनिक, हरमू हाउसिंग कॉलोनी

प्राइम डायग्नोस्टिक सेंटर

शिरडी साईं हॉस्पिटल, बूटी रोड

ट्यूलिप डायग्नोस्टिक

विनायक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, महुआटोली नामकुम

मेडिकेयर, कांटाटोली

प्रसाद एक्सरे, रेडियम रोड

सेवेंथ डे एडवेंटिस्ट हॉस्पिटल, बरियातू

पाम्स डायग्नोस्टिक, लालगुटवा

आई हेल्थ अल्ट्रासाउंड छोटानागपुर स्कूल, बूटी

शिरडी साईं हॉस्पिटल, बूटी रोड

गुलमोहर हॉस्पिटल, डुमरदगा

अली अल्ट्रासाउंड, कांटाटोली

अरविंदो अल्ट्रासाउंड, रातू रोड

यह है नियम

सेंटर संचालक को मरीजों की जांच

से संबंधित जानकारी हर माह की पांच तारीख तक भारत सरकार के पोर्टल

पर देनी होती है.

रजिस्ट्रेशन फेल होने पर सोनोग्राफी मशीनवाले कमरे को नया रजिस्ट्रेशन जारी होने तक खुद से सीलबंद रखना है.

अल्ट्रासाउंड के लिए आनेवाली गर्भवती महिलाओं का फॉर्म-एफ में एड्रेस सहित तमाम जानकारी देनी होती है.

सेंटरों में सेवा देनेवाले रेडियोलॉजिस्ट के नौकरी छोड़ने या उन्हें हटाने के एक माह पहले इसकी सूचना सिविल सर्जन कार्यालय में देनी होती है.

सोनोग्राफी मशीन में बदलाव करने की जानकारी भी एक माह पहले सिविल सर्जन कार्यालय को देनी होती है.

लाइसेंस अवधि समाप्त होने के एक माह के भीतर रिन्युअल कराना है. इसके लिए आवेदन के साथ 35 हजार का डिमांड ड्राफ्ट देना अनिवार्य है. इसके बाद पुन: फ्रेस रजिस्ट्रेशन प्रदान किया जाता है

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