रघुवर दास ने पटना लाठीचार्ज की जांच रिपोर्ट सौंपी, कहा- राज्य प्रायोजित थी हिंसा, हो सीबीआई जांच
बिहार की राजधानी पटना में पिछले दिनों हुए लाठीचार्ज की जांच रिपोर्ट रघुवर दास ने जेपी नड्डा को सौंप दी है. इसमें लाठीचार्ज को राज्य प्रायोजित हिंसा करार देते हुए इसकी जांच हाईकोर्ट के जज या सीबीआई से कराने की मांग की गयी है.
पटना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं पर लाठीचार्ज को रघुवर दास की अगुवाई वाली समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने लाठीचार्ज को राज्य प्रायोजित हिंसा करार दिया. साथ ही उन्होंने मांग की कि इस हिंसा की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करायी जाये. रघुवर दास ने बुधवार (19 जुलाई) को अपनी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (जेपी नड्डा) को सौंपी.
रघुवर दास ने जेपी नड्डा को सौंपी जांच रिपोर्ट
नयी दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जो रिपोर्ट जांच कमेटी के संयोजक रघुवर दास ने सौंपी है, उसमें कहा है कि पटना में लोगों और कार्यकर्ताओं से बात करने के बाद एक चीज बिल्कुल स्पष्ट हो गयी कि उस दिन की घटना राज्य प्रायोजित हिंसा का हिस्सा था. पुलिस और प्रशासन ने षड्यंत्र के तहत भाजपा कार्यकर्ताओं को घेरा और उसके बाद बर्बरतापूर्वक उन पर लाठीचार्ज किया.
पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा
जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पुलिसकर्मियों ने न महिला को देखा, न पुरुष को. सभी पर ताबड़तोड़ लाठियां बरसायीं. इससे बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के सिर पर गंभीर चोटें आयीं. कई कार्यकर्ताओं के हाथ भी टूट गये हैं. रघुवर दास ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार की पुलिस ने नियोजित तरीके से लाठीचार्ज करवाकर सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं को घायल कर दिया. इसमें हमारा एक कार्यकर्ता शहीद हो गया.
जांच समिति में थे ये लोग
जांच समिति ने भाजपा कार्यकर्ता, सांसद-विधायक, छात्र और महिलाओं पर हुए षड्यंत्रपूर्ण, बर्बर और अमानवीय लाठीचार्ज की हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से न्यायिक जांच अथवा सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया है. रिपोर्ट सौंपने के दौरान समिति के अध्यक्ष रघुवर दास, समिति के सदस्य मनोज तिवारी, वीडी राम और सुनीता दुग्गल, बिहार के विधान पार्षद व वरिष्ठ नेता संजय मयूख उपस्थित रहे.
13 जुलाई को पटना में भाजपा पर हुआ था लाठीचार्ज
बता दें कि 13 जुलाई को पटना में विधानसभा मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें सांसद समेत दर्जनों कार्यकर्ता घायल हो गये थे. भाजपा ने इस हमले की कड़ी निंदा की. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मामले की जांच के लिए भाजपा नेताओं की चार सदस्यीय कमेटी बनायी. इस समिति ने 15 जुलाई को पटना जाकर पूरे मामले की जांच की और 19 जुलाई को अपनी रिपोर्ट भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दी.
14 जुलाई को भाजपा ने बनायी जांच कमेटी
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने 14 जुलाई को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मीडिया को बताया था कि पटना में हुई पुलिस की कार्रवाई और राज्य सरकार के रवैये की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोर निंदा की है. भाजपा कार्यकर्ता के शहादत पर पार्टी अध्यक्ष ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि विजय सिंह की शहादत बेकार नहीं जायेगी.
भ्रष्टाचार का किला बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला
श्री नड्डा ने बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट है और उसको बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी नैतिकता को ताक पर रख दिया है. उनका निशाना बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर था. श्री नड्डा ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार भ्रष्टाचार का किला बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है.
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ललन सिंह ने कहा- कानून तोड़ेंगे, तो पुलिस लाठीचार्ज करेगी
श्री नड्डा ने कहा था कि पटना में अपने लोकतांत्रिक अधिकार के तहत प्रदर्शन करने जा रहे भाजपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस का हमला राज्य सरकार की विफलता और उसकी बौखलाहट को दर्शाता है. वहीं दूसरी तरफ, जदयू के अध्यक्ष ललन सिंह ने पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज को जायज ठहराया था. श्री सिंह ने कहा था कि अगर आप कानून तोड़ेंगे, तो पुलिस को लाठीचार्ज करना ही पड़ेगा. इसमें कुछ भी गलत नहीं है.