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रघुवर दास : जमशेदपुर के सीतारामडेरा भाजपा मंडल अध्यक्ष से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री तक का सफर

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में एक बार फिर संगठन का काम करने के लिए चुना गया है. उन्हें जेपी नड्डा की टीम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी है. वह पहले भी 43 दिन तक पार्टी में इस पद पर रह चुके हैं. वर्ष 2014 में विधानसभा चुनावों से पहले 16 अगस्त 2014 से 27 दिसंबर 2014 तक वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2020 10:45 PM

जमशेदपुर (संजीव भारद्वाज): झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में एक बार फिर संगठन का काम करने के लिए चुना गया है. उन्हें जेपी नड्डा की टीम में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गयी है. वह पहले भी 43 दिन तक पार्टी में इस पद पर रह चुके हैं. वर्ष 2014 में विधानसभा चुनावों से पहले 16 अगस्त 2014 से 27 दिसंबर 2014 तक वह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे.

पार्टी उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘मैं भारतीय जनता पार्टी का एक अनुशासित कार्यकर्ता हूं, जो पार्टी के साथ आगे बढ़ रहा है. हम सभी हृदय से सदैव कार्यकर्ता ही रहेंगे. पार्टी द्वारा मुझे दिये गये इस महत्वपूर्ण दायित्व को मैं पूरी जिम्मेदारी और क्षमता के साथ निभाऊंगा. जो आदर्श और विचारधारा की विरासत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी से मिली है, मैं उसे पूरी तरह से कायम रखूंगा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष का हृदय से आभार और धन्यवाद करता हूं.’

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राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर 43 दिन तक रहने के बाद वह विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लग गये और जब पार्टी की झारखंड में सरकार बनी, तो रघुवर दास को उस सरकार का मुखिया यानी प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. मंडल अध्यक्ष से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, झारखंड में कई विभागों के मंत्री, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बनने के बाद एक बार फिर उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है.

वर्ष 1977 में रघुवर दास ने जनता पार्टी की सदस्यता ली. वर्ष 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना हुई, तो इस पार्टी के साथ सक्रिय राजनीति में कदम रखा. मुंबई में आयोजित पार्टी के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्होंने हिस्सा लिया. छात्र जीवन से ही राजनीति को सेवा का माध्यम मानकर आगे बढ़ चले.

छात्र संघर्ष समिति के संयोजक के रूप में उन्होंने जमशेदपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आंदोलन किया. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के संपूर्ण क्रांति आंदोलन में जमशेदपुर के युवाओं एवं छात्रों को संगठित किया. इसकी वजह से उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगया, तो इसका रघुवर ने विरोध किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

मैं भारतीय जनता पार्टी का एक अनुशासित कार्यकर्ता हूं, जो पार्टी के साथ आगे बढ़ रहा है. हम सभी हृदय से सदैव कार्यकर्ता ही रहेंगे. पार्टी द्वारा मुझे दिये गये इस महत्वपूर्ण दायित्व को मैं पूरी जिम्मेदारी और क्षमता के साथ निभाऊंगा. जो आदर्श और विचारधारा की विरासत डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी से मिली है, मैं उसे पूरी तरह से कायम रखूंगा. मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को यह महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष का हृदय से आभार और धन्यवाद करता हूं.

रघुवर दास, पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड

बीएससी और एलएलबी की पढ़ाई करने वाले रघुवर दास को भाजपा में पहली बड़ी जिम्मेदारी मंडल अध्यक्ष के रूप में मिली. उन्हें जमशेदपुर के सीतारामडेरा का मंडल अध्यक्ष बनाया गया. जमशेदपुर महानगर भाजपा में जिला भाजपा महामंत्री और उपाध्यक्ष भी बने. जुलाई, 2004 से मई, 2005 तक और 19 जनवरी, 2009 से 25 सितंबर, 2010 तक वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे.

रघुवर दास को राजनाथ सिंह की टीम में 16 अगस्त, 2014 को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया. इस पद पर वह 27 दिसंबर, 2014 तक रहे. 43 दिन तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहने के बाद वह झारखंड की राजनीति में लौट आये और विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. रघुवर दास राज्य के इकलौते मुख्यमंत्री बने, जिन्होंने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.

शिबू सोरेन की सरकार में उप-मुख्यमंत्री बने

वर्ष 2005 में उनकी भूमिका एक बार फिर बदल गयी. इस बार अर्जुन मुंडा की ही सरकार में उन्हें वित्त वाणिज्य एवं नगर विकास मंत्री बनाया गया. इस पद पर वह 12 मार्च, 2005 से 14 सितंबर, 2006 तक बने रहे. 30 दिसंबर, 2009 को उनकी भूमिका फिर से बदल गयी. शिबू सोरेन की सरकार में उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया. 30 मई, 2010 तक वह उप मुख्यमंत्री एवं संसदीय कार्य मंत्री रहे.

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वर्ष 2014 में जब पूरे देश में मोदी लहर चल रही थी, झारखंड विधानसभा में भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं. झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों को भाजपा में शामिल करके रघुवर दास ने पूर्ण बहुमत की सरकार का गठन किया. मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और लगातार 5 साल तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड कायम कर दिया. 28 दिसंबर, 2014 से 28 दिसंबर, 2019 तक वह झारखंड के मुख्यमंत्री रहे.

जमशेदपुर पूर्वी सीट से हार गये रघुवर

वर्ष 2019 के चुनावों में भाजपा को सत्ताविरोधी लहर का सामना करना पड़ा और झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाले महागठबंधन (झामुमो-कांग्रेस-राजद) की सरकार बनी. अपने पांच साल के कार्यकाल में रघुवर दास ने अपने कई दुश्मन बना लिये थे. उनकी ही सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट से रघुवर दास को चुनौती दी और मुख्यमंत्री गढ़ में ही उन्हें बुरी तरह से पराजित कर दिया.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि रघुवर दास का जन्म 3 मई, 1955 को जमशेदपुर में हुआ. भालूबासा हरिजन विद्यालय में उन्होंने शुरुआती पढ़ाई की. इसी स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की. फिर जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज से बीएससी एवं विधि में स्नातक की डिग्री ली. इसके बाद वह टाटा स्टील में श्रमिक के रूप में काम करने लगे. राजनीति में पूरी तरह से जम जाने के बाद श्री दास ने वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) ले लिया.

Posted By : Mithilesh Jha

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