मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राहुल गांधी के खिलाफ आये फैसले पर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी पर निर्णय सवाल खड़ा करता है. ऐसे निर्णय हमारे राज्य ने भी देखा है. यहां राज्य में सत्ता पक्ष के लोगों की सदस्यता चली जाती है और विपक्ष की सदस्यता बनी रहती है. तो कह सकते हैं कि भारत के इतिहास में पहली बार पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के तहत इस तरह का निर्णय वो भी राहुल गांधी के विरोध में, तो ये निर्णय अपने आप में जो सवाल लेकर आ रहा है. इस सवाल पर चर्चा भी हो रही है. सीएम ने कहा कि मुझे लगता है कि राजनीतिक मंचों पर ये सवाल सिर्फ राहुल गांधी के मंच से ही नहीं, बल्कि विपक्ष के कई लोगों के मंचों से आयी है. आनेवाले समय में और आयेगी ही. तब क्या होगा इसका अंदाजा लगा सकते हैं.
सड़क शिलान्यास में अनुकंपा पर निमंत्रण मिला : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सड़कों के शिलान्यास समारोह में राज्य सरकार को आमंत्रण के मुद्दे पर सीएम ने कहा कि आज की कहानी कुछ और थी. पूरा प्रयास था कि भाजपा का मंच हो. अनुकंपा के आधार पर राज्य सरकार को निमंत्रण मिला हो. नहीं चाहते हुए भी करनेवाली बात है. तो ऐसी में ये बातें सामने आनी ही चाहिए कि राज्य सरकार के साथ ऐसा बर्ताव क्यों.
राहुल गांधी को सूरत कोर्ट में सजा सुनाये जाने पर कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा परिसर में अपनी प्रतिक्रिया दी. विधायकों ने कहा कि कांग्रेस इसको लेकर सदन से लेकर सड़क तक आंदोलन करेगी. विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि हम कोर्ट के निर्णय पर टिप्पणी नहीं करेंगे. राहुल गांधी को लेकर कांग्रेस सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि देश की आजादी में अहम भूमिका निभानेवाले गांधी परिवार को डराने की कोशिश की जा रही है. वह डरनेवाले नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर आंदोलन करेगी. विधायक अंबा प्रसाद, शिल्पी नेहा तिर्की, इरफान अंसारी ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
जेएमएम से मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी को सजा देना, बोलने की आजादी जो हमारे संविधान में है, उस पर रोक लगाने का कार्य है. इसका वह घोर विरोध करते हैं. यह बोलने की आजादी पर कुठाराघात है.