प्रतिनिधि, डकरा : केडीएच परियोजना के बिश्रामपुर में अधिग्रहित जमीन खाता संख्या 24 प्लाॅट संख्या 462, खाता 31 प्लाॅट संख्या 441,467,468 कुल रकबा 2.3 डिसमिल जमीन का भौतिक अधिग्रहण के मामले को लेकर रविवार को टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. इसके बाद विभागीय कर्मी जमीन का बगैर भौतिक अधिग्रहण के लौट गये. प्रबंधन के रंजन कुमार जब जमीन पर पहुचें तो रैयत विस्थापित मोर्चा के बैनर तले ग्रामीण नारेबाजी करने लगे. रैयत जमीन के बदले नियुक्ति की मांग किये. मामले की जानकारी सर्वेयर शैलेंद्र सिन्हा, सुनील कुमार सिंह ने पीओ अनिल कुमार सिंह को दी. इसके बाद पीओ मामले को लेकर महाप्रबंधक सुजीत कुमार से मिले. उन्होंने सोमवार को सीमा सिंह व रंजन कुमार की जमीन का भौतिक अधिग्रहण कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि अगर विवाद हुआ तो अंचल कार्यालय व पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों को बुलाकर मामले का निबटारा किया जायेगा. जीएम ने कहा कि सीमा सिंह का नियुक्ति पत्र आया हुआ है. दोनों को उक्त जमीन सैयद अफाकुद्दीन गोल्डी ने दान किया है, लेकिन विस्थापित नेता जालीम सिंह का दावा है कि उक्त जमीन गोल्डी के पूर्वजों ने बेची थी. इस जमीन के बदले नौकरी और मुआवजा गलत तरीके से तय किया गया है. इधर प्रबंधन का कहना है कि बुढ़मू और खलारी अंचल कार्यालय ने तीन बार गोल्डी के पक्ष में जमीन का सत्यापन किया है. उसी आधार पर मुख्यालय ने नौकरी और मुआवजा तय किया है. इधर गोल्डी का कहना है कि उन्होंने अपनी पुरखों की जमीन सीसीएल को कोयला खनन के लिए दिया है. लेकिन प्रबंधकीय व्यवस्था में शामिल कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए मुझे परेशान कर रहे हैं. जिससे भयवश मैं अधिग्रहण के लिए नहीं जा रहा हूं. गोल्डी को सामने आना होग : जीएम : महाप्रबंधक सुजीत कुमार ने कहा कि अंचल कार्यालय ने गोल्डी के पक्ष में जमीन का सत्यापन कर दिया है. उसे स्वयं अधिग्रहण के लिए सामने आना चाहिए और अगर उसे किसी प्रकार का भय है तो प्रशासन का इसमें मदद लें. वहीं केडीएच पीओ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि अधिग्रहण के लिए गोल्डी से कई बार संबंधित कार्य से जुड़े लोगों ने संपर्क किया है. लेकिन वह सामने नहीं आ रहा है और आये दिन कुछ न कुछ नया हथकंडा अपना रहा है.
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