Jharkhand: जेल में बंद अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में लगायी गुहार
जेल में बंद अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायी है. अमित अग्रवाल द्वारा दायर एसएलपी पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है. सोमवार को अमित अग्रवाल की ओर से कोर्ट मे मामले की तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध किये जाने की संभावना है.
Jharkhand News: राजीव कैश कांड में जेल में बंद अमित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाइकोर्ट ने अमित अग्रवाल द्वारा ईडी की कार्रवाई को चुनौती देनेवाली याचिका की सुनवाई के बाद इस मामले में सीबीआइ जांच का आदेश दिया था. अमित अग्रवाल द्वारा दायर एसएलपी पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है. सोमवार को अमित अग्रवाल की ओर से कोर्ट मे मामले की तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध किये जाने की संभावना है. याचिका मे ईडी और सीबीआइ को पार्टी बनाया गया है. अमित अग्रवाल द्वारा दर्ज करायी गयी शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने अधिवक्ता राजीव कुमार को अमित अग्रवाल से 50 लाख रुपये लेते हुए गिरफ्तार कर लिया था.
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बाद में ईडी ने इस मामले की जांच शुरू की. इडी जांच के दौरान अमित अग्रवाल को गिरफ़्तार कर लिया गया. इडी की इस कार्रवाई को अमित अग्रवाल ने हाइकोर्ट मे यह कहते हुए चुनौती दी थी कि उसकी गिरफ्तारी गलत है. उसने कहा है कि वह भ्रष्टाचार को उजागर करनेवाला है और ईडी ने उसे ही अभियुक्त बनाते हुए गिरफ़्तार कर लिया. हाइकोर्ट मे मामले की सुनवाई को दौरान राजीव कुमार की गिरफ़्तारी को एक सुनियोजित साज़िश का परिणाम बताया गया. साथ ही यह दलील भी दी गयी कि इस साज़िश का उद्देश्य न्यायालय, इडी और सरकार के अधिकारियों को बदनाम कराना है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने और मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दिया था.
राजू वर्मा से पूछताछ शुरू
ईडी ने 100 करोड को मिड डे मील घोटाले के आरोपी राज़ू वर्मा से पूछताछ शुरू कर दी. पीएमएलए कोर्ट द्वारा पांच दिनों का रिमांड दिये जाने के बाद इडी के अधिकारी शनिवार को उसे बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से दिन के क़रीब 11 बजे अपने कार्यालय ले गये. पूछताछ के पहले दिन उससे उसके बैंक खातों, निजी और पारिवारिक संपत्ति से जुड़े सवाल पूछे गये. मिड डे मील घोटाले का 100 करोड़ भानु कंस्ट्रक्शन के खाते मे ट्रांसफ़र होने के बाद इसमें से 8.27 करोड रुपये इसके खाते में ट्रांसफर किये गये थे. इस पैसों से महंगी गाड़ियां ख़रीदी गयी थीं.