Ranchi News: रिम्स प्रबंधन ने कहा : डॉक्टरों की पर्ची निजी दवा दुकानों तक नहीं पहुंच पाये

Ranchi News :डॉक्टरों की लिखी पर्ची को निजी दवा दुकानों तक पहुंचने से रोकने में रिम्स प्रबंधन जुट गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2024 12:00 PM

रांची. डॉक्टरों की लिखी पर्ची को निजी दवा दुकानों तक पहुंचने से रोकने में रिम्स प्रबंधन जुट गया है. सेंट्रल इमरजेंसी और ओपीडी में तैनात हाउस सर्जन (एचएस) और पीजी डॉक्टरों को निर्देश दिया गया है कि उनकी पर्ची निजी दवा दुकानों तक नहीं पहुंचे, इसे वह सुनिश्चित करें. जूनियर डॉक्टरों को परिसर स्थित अमृत फार्मेसी में दवा मिलने की जानकारी मरीज के परिजनों को देने के लिए कहा गया है. अमृत फार्मेसी में सस्ती दवा मिलती है , इससे अवगत कराने को कहा गया है. बताते चलें कि सेंट्रल इमरजेंसी और ओपीडी से डॉक्टरों की लिखी करीब 80 फीसदी दवा की पर्ची प्रतिदिन निजी दवा दुकानों में पहुंचती हैं.

अमृत फार्मेसी को परिसर में मिली जगह

मरीज के परिजनों को सस्ती दवाइयां मिले, इसके लिए अमृत फार्मेसी को जगह दी गयी है. यहां मेडिसिन और सर्जिकल की जेनेरिक और ब्रांडेड दवाइयां सस्ती दर पर उपलब्ध हैं. यहां दवाएं तो उपलब्ध है. लेकिन डॉक्टरों की पर्ची अमृत फार्मेसी में नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में मरीजों को ऊंची एमआरपी पर सर्जिकल दवाइयां खरीदनी पड़ती है. इसके अलावा बगल में ही प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र भी है, जहां जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हैं. जेनेरिक दवाइयां ब्रांडेड से 80 से 90 फीसदी सस्ती भी होती हैं.

इमरजेंसी के बाहर रहते हैं निजी दवा दुकानों के कर्मी

रिम्स की सेंट्रल इमरजेंसी और महत्वपूर्ण वार्ड के बाहर निजी दवा दुकानों के कर्मचारी घुमते रहते है. डॉक्टरों की पर्ची लेकर परिजन जैसे ही बाहर निकलते हैं कि दुकानदारों के कर्मचारी उनके पीछे लग जाते है. एक जगह सभी दवाइयां मिलने का हवाला देकर उनको अपने जाल में फंसा लेते हैं. दवा की तत्काल आवश्यकता होने से परिजन भी आसानी से मान लेते हैं. कई परिजन उनकी बातों में नहीं आते हैं, तो निजी दवा दुकानवालों से बहस भी हो जाती है.

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