रांची : झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने जेवर व्यवसायी राजेश पाल हत्या मामले में एसआईटी गठित करने का निर्देश दिये हैं. इसमें रांची एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा, सिटी एसपी अंशुमान व एटीएस एसपी प्रशांत आनंद शामिल हैं. कल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पुलिस अफसरों की मीटिंग हुई. जिसमें डीजीपी ने राज्य में बढ़ते अपराधिक घटनाओं पर चिंता जाहिर की और रांची, जमशेदपुर, सरायकेला, बोकारो व धनबाद में हुए क्राइम की जानकारी ली. डीजीपी ने सभी एसएसपी व एसपी को हर दिन अपने अधीनस्थ अधिकारियों की समीक्षा करने का निर्देश दिया.
डीजीपी ने तीहरे हत्याकांड को लेकर रांची के डीआइजी अनीश गुप्ता को सरायकेला जाकर मामले की समीक्षा कर एसआइटी बनाने को कहा. वहीं डीआइजी को प्रत्येक दिन अभियान आइजी और सीआइडी मुख्यालय को रिपोर्ट भेजने को कहा गया.
वीडियो कांफ्रेंसिंग में एडीजी सीआइडी प्रशांत सिंह, एडीजी मुख्यालय एमएल मीणा, एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, आइजी अभियान एवी होमकर के अलावा बोकारो प्रक्षेत्र के आइजी असीम विक्रांत मिंज, बोकारो रेंज डीआइजी कन्हैया मयूर पटेल समेत जमशेदपुर, रांची, धनबाद, सरायकेला के एसपी शामिल हुए.
डीजीपी की समीक्षा में जेवर व्यवसायी की हत्या के बाद देर से पुलिस के पहुंचने व चेकिंग नहीं लगाने के कारण अपराधियों के भाग निकलने की बात उठी. रांची में एंटी क्राइम चेकिंग व अपराध नियंत्रण के लिए जैप व आइआरबी की 10 इको कंपनियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है. डीजीपी ने सभी एसएसपी व एसपी को हर दिन अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ समीक्षा का निर्देश दिया.
एसीआइटी में रांची एसएसपी, सिटी एसपी व एटीएस एसपी को किया गया शामिल
राजधानी में एंटी क्राइम चेकिंग के लिए जैप और आइआरबी की 10 इको कंपनी तैनात किये जायें
हर जिले के एसएसपी व एसपी अपने क्षेत्र के अफसरों के साथ प्रतिदिन करेंगे वीडियो कांफ्रेंसिंग
रेंज डीआइजी करेंगे मॉनिटरिंग, आइजी अभियान व सीआइडी को भेजेंगे रिपोर्ट
तीहरे हत्याकांड की समीक्षा करने आज डीआइजी जायेंगे सरायकेला
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राज्य में वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी, कुर्की-जब्ती व लंबित कांडों का खुलासा जल्द हो.
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कांडों के अनुसंधान व गिरफ्तार अपराधियों की जमानत की निगरानी व न्यायालय में चल रही सुनवाई पर नजर रखें.
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कुख्यात अपराधकर्मियों की जमानत रद्द करने की हो कार्रवाई.
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बलात्कार, छेड़खानी आदि मामलों के अनुसंधान व उनकी सुरक्षा की निगरानी हो.
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कांडाें के सुपरविजन की पुलिस उपाधीक्षकों को मिले जिम्मेवारी.
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आपराधिक गिरोहों व अपराधियों का सत्यापन कर आर्थिक स्रोतों पर रोक लगे.
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जिलों में अपराधियों का डाटा बेस तैयार कर उनके खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई हो.
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बलों की तैनाती और सीसीटीवी कैमरा का प्रभावी उपयोग हो.
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जिला स्तर पर एसआइयू का संचालन व बीट पुलिसिंग का निर्देश.
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रंगदारी रोकने के लिए रेलवे साइडिंग व जेल में बंद अपराधियों पर रखें नजर
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Posted By: Sameer Oraon