रांची : राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत ने मुख्य सरना स्थल सिरोम टोली में राष्ट्रीय सरना धर्मगुरु जयपाल उरांव की अध्यक्षता में बैठक की. इसमें रांची जिला के महापाहन शिबू तिग्गा ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए सरना स्थल की मिट्टी देना आपत्तिजनक है. आदिवासी परंपरा के अनुसार सरना स्थल की मिट्टी उठाना महापाप है और यह आदिवासियों को नष्ट करने की साजिश है. प्रदेश महासचिव रायमुनी उरांव ने कहा कि गंगोत्री कुजूर, मेघा उरांव, आशा लकड़ा, राम कुमार पाहन व अन्य लोगों को गांव वाले घुसने नहीं देंगे. यह भी कहा गया कि उपरोक्त लोगों ने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया है, इसीलिए वे सरना रीति रिवाज से पूजा पाठ नहीं कर सकते.
इससे सरना आदिवासी समाज को कोई दिक्कत नहीं होगी. वर्ष 2021 की जनगणना में आदिवासी सरना धर्म कोड के लिए जागरूकता आंदोलन चलाया जायेगा.इस बैठक में केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत के राष्ट्रीय महासचिव प्रो प्रवीण उरांव, प्रदेश अध्यक्ष नीमा उरांव, चंद्रदेव बलमुचू ,अजीत उरांव, छेदी मुंडा, गैना कच्छप, कैलाश उरांव, अमित गाड़ी, केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संतोष तिर्की, सचिव संजय लोहरा, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष सीताराम भगत, प्रकश हंस, सुभानी तिग्गा, सीता उरांव, राजकुमारी उरांव, गीता उरांव, संध्या उरांव व शुचिता लकड़ा उपस्थित थे.
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