JPSC, UPPSC और SSC पेपर लीक की जांच करने वाले CBI के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन की हैं इतनी उपलब्धियां
Rajiv Ranjan IPS Police Medal: पुलिस मेडल के लिए चुने गए झारखंड-बिहार के रांची जोन के सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन तेज-तर्रार आईपीएस ऑफिसर हैं. उनकी उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है. यहां पढ़ें.
Rajiv Ranjan IPS Police Medal: झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (JPSC) भर्ती घोटाला, सारधा चिट फंड घोटाला, उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (UPPSC) भर्ती घोटाला और स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) पेपर लीक केस जैसे हाई प्रोफाइल मामलों की जांच करने और उनमें से अधिकांश को उसके अंजाम तक पहुंचाने वाले सीबीआई ऑफिसर राजीव रंजन को पुलिस मेडल मिला है. राजीव रंजन वर्तमान में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के झारखंड-बिहार के रांची जोन के ज्वाइंट डायरेक्टर हैं. उपरोक्त घोटाला के अलावा संयुक्त बिहार के बहुचर्चित चारा घोटाला मामले के ट्रायल में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. राजीव रंजन ने सीबीआई के अलावा सीआरपीएफ में भी अपनी सेवा दी है. वह अयोध्या के श्रीराम मंदिर और मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि को सुरक्षा देने वाली सीआरपीएफ की टीम के प्रमुख रह चुके हैं. उनके कार्यकाल में ही झारखंड के साहिबगंज में अवैध खनन घोटाला का पर्दाफाश हुआ. मामले की जांच तेजी से चल रही है.
पोंजी स्कीम की जांच के एक्सपर्ट हैं राजीव रंजन
कॉमर्स के स्टूडेंट रहे 2005 के सिक्किम बैच के आईपीएस राजीव रंजन को पोंजी स्कीम (चिट फंड स्कैम) की जांच का एक्सपर्ट माना जाता है. सारधा चिट फंड घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी के वह प्रमुख थे. पश्चिम बंगाल के हजारों करोड़ के बहुचर्चित सारधा घोटाले की गहन जांच के बाद सीबीआई ने चार्जशीट फाईल की. इसके बाद देश में ऐसा कोई बड़ा पोंजी स्कैम नहीं हुआ.
झारखंड में जेपीएससी भर्ती घोटाले की जांच की, चार्जशीट फाईल की
झारखंड के बहुचर्चित जेपीएससी नियुक्ति घोटाले की चार्जशीट भी उनकी देखरेख में ही फाईल हुई थी. झारखंड-बिहार के जितने राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं, सभी मामलों की स्पीडी ट्रायल हो रही है. स्पेशल टीम बनाकर उन्होंने एक-एक मामले की जांच तेज करने के निर्देश अफसरों को दे रखे हैं. साहिबगंज में अवैध खनन के मामले की भी जांच तेजी से चल रही है.
उत्तर प्रदेश में भर्ती में घोटाले और भ्रष्टाचार का किया खुलासा
उत्तर प्रदेश में 186 पदों के लिए निकली भर्ती में हुए घोटाले के तार उन्होंने का पर्दाफाश उन्होंने की जांच राजीव रंजन के नेतृत्व में ही सीबीआई ने शुरू की थी. इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन विशेष सचिव प्रभुनाथ और यूपीपीएससी के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ अयोग्य उम्मीदवारों का फेवर करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद में हुई इन नियुक्तियों में जमकर भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हुआ था.
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SSC CGL Scam करने वाले गिरोह की गांठें खोलीं
वर्ष 2017-18 में एसएससी की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएलई) में हुई गड़बड़ी की जांच भी राजीव रंजन के नेतृत्व में ही हुई थी. उन्होंने मामले की गहन जांच की और एसएससी सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों की गांठ खोलते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट फाईल की. राजीव रंजन और उनकी टीम ने अपनी चार्जशीट में विस्तार से बताया कि एसएससी परीक्षा पास कराने वाला गिरोह कैसे काम करता है. इसके बदले में परीक्षार्थियों से गिरोह को कितने पैसे मिलते हैं.
बिहार के सासाराम के एमनडेरी गांव में हुआ राजीव रंजन का जन्म
राजीव रंजन मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. उनका जन्म बिहार के सासाराम जिले के एमनडेरी गांव में हुआ. उनकी शुरुआती पढ़ाई सासाराम में हुई. बाद में वह उच्च शिक्षा के लिए पटना चले गए. पटना कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की डिग्री ली. बाद में सिविल सेवा की तैयारी की और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के लिए चुने गए. उन्हें सिक्किम कैडर मिला. आईपीएस ज्वाइन करने के बाद राजीव रंजन ने सीबीआई और सीआरपीएफ दोनों के लिए काम किया.
सीआरपीएफ में राजीव रंजन
वर्तमान में सीबीआई के डीआईजी और झारखंड-बिहार के रांची जोन के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में भी लंबी सेवा दी है. उत्तर प्रदेश में श्रीराम मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मभूमि की सुरक्षा की कमान संभाली, तो जम्मू-कश्मीर में एंटी टेरर ऑपरेशंस का सुपरविजन भी किया. वह नगरोटा के हीरानगर रेंज के डीआईजी रहे. इस दौरान आतंकवादियों के खिलाफ उनके नेतृत्व में कई ऑपरेशन चलाए गए.
सीबीआई में इन पदों पर किया काम
- एसीबी कोलकाता के एसपी
- एसीबी भुवनेश्वर के एसपी
- स्पेशल क्राइम पटना के एसपी
- पीओडब्ल्यू रांची में एसपी
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