रांची : रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हजारीबाग के एक शख्स राजकुमार रविदास को नया रिक्शा दिया. फूलों से सजा रिक्शा पाकर वह शख्स काफी प्रसन्न हुआ और मुख्यमंत्री को दुआएं देने लगा. मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री ने शख्स को रिक्शा दिया. हाल ही में शख्स का रिक्शा चोरी हो गया था और इस लॉकडाउन में वह रांची की सड़कों पर भीख मांगकर गुजारा कर रहा था. सोशल मीडिया पर एक पोस्ट देखकर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने संज्ञान लिया और उसे रिक्शा दिया गया.
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राजकुमार करीब चार साल पहले वह हजारीबाग से रांची रिक्शा चलाने आये थे. लेकिन इनका रिक्शा चोरी हो गया. उसके बाद से ये शहर में कबाड़ चुनने और उसे बेच कर अपना गुजर-बसर शुरू कर दिया. इधर, लॉकडाउन में जब कबाड़ी की दुकानें बंद हो गयीं, तो राजकुमार ने भीख मांगना शुरू कर दिया. करते भी क्या, कोई चारा भी तो नहीं था.
रांची के संत जेवियर कॉलेज के पास स्थित चर्च के पास बैठकर राजकुमार रविदास इन दिनों भीख मांगते थे. छह मई को राजकुमार रविदास की कहानी मीडिया में आयी. इस पर संज्ञान लेते हुए पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा था कि वे अपने व्यक्तिगत कोष से राजकुमार को मुख्यमंत्री के हाथों नया रिक्शा दिलायेंगे.
सीएमओ से रविवार दोपहर दो बजे राजकुमार रविदास को लेकर आने को कहा गया. जब सीएमओ से कॉल आया उस वक्त भी राजकुमार रविदास अपनी जगह पर बैठकर भीख मांग रहे थे. उसे जब बताया गया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें रिक्शा देने के लिए बुलाया है, तो पहले उन्हें विश्वास नहीं हुआ. फिर वे जाने के लिए तैयार हुए, लेकिन अपने साथ कटोरा और झोला लेकर ही सीएम हाउस पहुंच गये. मुख्यमंत्री ने राजकुमार रविदास से बातचीत की और उनके बारे में पूरी जानकारी ली. सीएम ने रिक्शे के साथ उन्हें एक हजार रुपये भी दिये, ताकि वे रिक्शे का लॉक खरीद सकें. उन्हें मास्क भी दिया गया.
सीएम हाउस से निकलने राजकुमार ने कहा, रिक्शा चलाते वक्त अक्सर इधर से गुजरता था. इतना पता था कि इस घर में सरकार रहते हैं, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई कि अंदर जाऊं. पहली बार अंदर कदम रखा. विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं मुख्यमंत्री से मिला. वे दोस्त की तरह लगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री मिथिलेश ठाकुर अब मेरे लिए भगवान की तरह हैं. जब तक जीवित रहूंगा, उनके एहसान को नहीं भूलूंगा. राजकुमार की पत्नी का निधन हो चुका है. इनकी तीन बेटियां हैं. इनके पांच में से एक भाई का निधन हो चुका है. चार भाई अलग-अलग रहते हैं. तीनों बेटियां भाई के पास ही रहती हैं. रिक्शा मिलने के बाद राजकुमार रविदास ने कहा की लॉकडाउन के बाद रिक्शा चलाकर जब वह कुछ पैसा जमा कर लेंगे, तो घर जायेंगे और बेटियों से मिलेंगे.