रांची : झारखंड हाइकोर्ट ने रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोलने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए याचिका निष्पादित कर दी.
खंडपीठ ने माैखिक रूप से राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह नवरात्रि से पहले छिन्नमस्तिका मंदिर खोलने या नहीं खोलने पर निर्णय करे. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता श्रुति श्रेष्ठ ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि छिन्नमस्तिका मंदिर के बंद रहने से श्रद्धालु पूजा-अर्चना नहीं कर पा रहे हैं.
मंदिर से जुड़े आसपास के लोगों और दुकानदारों के जीवनयापन पर असर पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में देवघर में बाबा मंदिर खोला गया है. उसी तर्ज पर कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए मां छिन्नमस्तिका मंदिर को भी खोलने की अनुमति देने का उन्होंने आग्रह किया.
मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारा और चर्च पर विचार कर रही सरकार : राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि एक उच्चस्तरीय कमेटी बनायी गयी है, जो मंदिर, मसजिद, गुरुद्वारा और चर्च के मामले में विचार कर रही है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने जनहित याचिका दायर की थी.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मां छिन्नमस्तिका मंदिर खोलने की मांग की थी. उनका कहना था कि मां छिन्नमस्तिका मंदिर इससे पहले कभी बंद नहीं रहा है. कोरोना महामारी के समय मंदिर से जुड़े लोगों तथा आसपास के छोटे-छोटे दुकानदारों का जीवन प्रभावित हो रहा है.
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प्रार्थी पूर्व मंत्री माधवलाल सिंह ने हाइकोर्ट में दायर की थी जनहित याचिका
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सरकार ने कहा- धार्मिक स्थलों को खोलने के मामले पर विचार कर रही है एक उच्चस्तरीय कमेटी
Post by : Pritish Sahay