राज्यसभा चुनाव : जेएमएम प्रत्याशी महुआ माजी ने किया नामांकन
झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव में जेएमएम की प्रत्याशी महुआ माजी ने नामांकन दाखिल किया. उन्होंने दो सेट में नामांकन दाखिल किया. नामांकन के दौरान महुआ माजी के साथ सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, सुप्रियो भट्टाचार्य, समीर मोहंती, सुदीप सोनू, जोबा मांझी उपस्थित रहे
Jharkhand Rajysabha Election : झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों के लिए होने जा रहे चुनाव में जेएमएम की प्रत्याशी महुआ माजी ने नामांकन दाखिल किया. महुआ माजी ने दो सेट में नामांकन दाखिल किया. नामांकन के दौरान महुआ माजी के साथ सीएम हेमंत सोरेन, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, सुप्रियो भट्टाचार्य, समीर मोहंती, सुदीप सोनू, जोबा मांझी उपस्थित थे.
महुआ माजी के नाम से कांग्रेसियों का छलका दर्द
जेएमएम की ओर से राज्यसभा के लिए महुआ माजी का नाम जारी करने के बाद से कांग्रेसियों का दर्द छलका. झामुमो के फैसले के बाद कांग्रेस नेताओं ने ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया है. सुखदेव भगत ने कहा कि ‘जब नाश मनुष पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है.’ इरफान अंसारी ने ट्वीट कर कहा है कि पत्थर तो हजारों ने मुझे मारे थे, मगर जो दिल पर आकर लगा, वह एक दोस्त ने मारा था. विधायक दीपिका सिंह ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार है. कांग्रेस की ओर से संयमित होकर बातें रखी जा रही हैं. वर्तमान में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की छवि धूमिल हो रही है. कांग्रेस का अपना अस्तित्व है. झामुमो को लक्ष्मण रेखा को पार करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भी जतायी नाराजगी
झामुमो के स्टैंड पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और सीएम के साथ हुई बात व झामुमो के फैसले में विरोधाभास है. श्री ठाकुर ने कहा कि झामुमो ने जो भी फैसला लिया है, निश्चित रूप से सोच-समझ कर लिया होगा.
साहित्य से राजनीति तक
महुआ माजी ने साहित्य से राजनीति में लंबी छलांग लगायी है. ‘मी बोरीशाइल्ला’ और ‘मरंग घोड़ा नीलकंठ हुआ’ जैसे चर्चित उपन्यास को लेकर महुआ माझी साहित्य के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनायी. साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने को लेकर वर्ष 2007 में महुआ माझी को ‘इंटरनेशनल कथा यूके अवार्ड’ से सम्मानित किया गया. इसके बाद इन्हें विश्व हिंदी सेवा सम्मान, फणीश्वरनाथ रेणु अवार्ड, साहित्य सम्मेलन शताब्दी सम्मान, राज्यसभा सम्मान मिला. इनकी किताबों पर दुनिया के कई विश्वविद्यालयों में शोध हो रहा है.