राकेश सिंघानिया ने बिना ट्रेड लाइसेंस की लौह अयस्क की खरीद-बिक्री

इडी ने जांच के दौरान पाया कि राकेश कुमार सिंघानिया ने तिरुपति बालाजी और एपिकल एक्जिम नामक कंपनियों के सहारे लौह अयस्क की खरीद-बिक्री की.

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2022 10:10 AM

राकेश कुमार सिंघानिया ने बगैर ट्रेड लाइसेंस के ही झारखंड में लौह अयस्क की खरीद-बिक्री की. इसके बाद मनी लाउंड्रिंग कर अपने ही पिता से आसनसोल में संपत्ति खरीदी. वहीं, भाई-बहनों से भी गिफ्ट डीड के सहारे संपत्ति हासिल की. सिंघानिया की एक बहन ने अपने साथ गिफ्ट डीड के सहारे हुई घटना को धोखा बताया था. प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा की गयी जांच के दौरान इन तथ्यों की जानकारी मिली है.

इडी ने जांच के दौरान पाया कि राकेश कुमार सिंघानिया ने तिरुपति बालाजी और एपिकल एक्जिम नामक कंपनियों के सहारे लौह अयस्क की खरीद-बिक्री की. हालांकि, इन दोनों कंपनियों में से किसी के पास झारखंड में लौह अयस्क की खरीद-बिक्री का ट्रेड लाइसेंस नहीं था. सिंघानिया ने इन कंपनियों के सहारे पावर भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड, मोनेट इस्पात एंड एनर्जी लिमिटेड सहित अन्य को लौह अयस्क की बिक्री की,

जिससे करोड़ों की कमायी हुई. इसके बाद अपनी ही छह कंपनियों के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2010-11 में मेसर्स विधाता डिस्ट्रिब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के पूरे शेयर खरीद लिये. इसके बाद राकेश सिंघानिया ने अपने ही पिता ओम प्रकाश सिंघानिया से विधाता डिस्ट्रिब्यूटर्स के नाम पर संपत्ति खरीदी. शेयर खरीदने के लिए उसने मेसर्स केएमपी इंटरप्राइजेज, मेसर्स एपिकल लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स एपिकल रियालटर्स प्राइवेट लिमिटेड,

मेसर्स लोगान मिनरल्स, मेसर्स वैष्णवी सिलिका और मेसर्स लंबोदर ट्रेड फिनटेक्स प्राइवेट लिमिटेड का सहारा लिया था. विधाता डिस्ट्रिब्यूटर्स खरीदने के बाद राकेश सिंघानिया ने मेसर्स लोगान मिनरल्स के खाते से एक करोड़ रुपये विधाता डिस्ट्रिब्यूटर्स के खाते में ट्रांसफर किये. इसके बाद विधाता के खाते से अपने पिता को ड्राफ्ट के सहारे 90.24 लाख रुपये का भुगतान किया और आसनसोल स्थित ‘सिंघानिया भवन’ अपने नाम ट्रांसफर करा लिया.

बहन ने कहा :

मेरे साथ धोखा हुआ है- राकेश सिंघानिया ने अपने भाई राजेश सिंघानिया और बहन रेणु देवी डालमिया व वीणा देवी अग्रवाल से गिफ्ट डीड के सहारे संपत्ति हासिल की. जांच के दौरान राजेश सिंघानिया ने इडी को यह जानकारी दी कि उसने अपने भाई राकेश सिंघानिया को गिफ्ट डीड के सहारे रघुनाथपुर में 2.5 एकड़ जमीन दी है. इसके अलावा उसने आसनसोल में एक फ्लैट भी गिफ्ट किया. बदले में मां ने ‘आपकार गार्डन’ आसनसोल में उसे एक संपत्ति गिफ्ट की.

जांच के दौरान राकेश की बहन रेणु देवी डालमिया ने इडी को यह जानकारी दी कि उसके भाई ने पिता को कुछ पैसा देकर संपत्ति गिफ्ट करने के लिए दोनों बहनों पर दबाव डलवाया. इसके बाद उसने पिता से गिफ्ट में मिली जमीन भाई राकेश सिंघानिया को गिफ्ट कर दी. वीणा देवी अग्रवाल ने इडी को बताया कि उसने भी पिता से मिली अपनी जमीन भाई को गिफ्ट कर दी. अगर उसे इस बात की जानकारी होती कि उसकी संपत्ति चली जायेगी, तो वह गिफ्ट डीड पर दस्तखत नहीं करती. उसके साथ धोखा हुआ.

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