लोहरदगा के कुडू में पहली बार कैसा मनाया गया था रामनवमी, 1990 में किया गया शोभा यात्रा का विस्तार
शहरी क्षेत्र में निकलने वाले शोभायात्रा का विस्तार तथा झांकी निकलाने को लेकर केन्द्रीय महावीर मंडल के तत्वावधान में बैठक रामनवमी से 15 दिन पहले किया गया था.
शहरी क्षेत्र तथा प्रखंड में रामनवमी का गौरवशाली इतिहास रहा है. साल 1975 में पहली बार शहरी क्षेत्र में रामनवमी के मौके पर शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया था. साल 1990 में पहली बार शोभायात्रा का विस्तार करते हुए बैंड व बेंजो बाजा की धुन पर भव्य झांकी के साथ शोभायात्रा निकली थी. शोभायात्रा का विस्तार करते हुए पहली बार शहरी क्षेत्र के शोभायात्रा में पुर्वी क्षेत्रों पंडरा से लेकर बरवाटोली अखाड़ा शामिल हुए थे.
शोभायात्रा के बाद शहरी क्षेत्र के इंदिरा गांधी चौक में रामनवमी के मौके पर अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था इसमें सभी सफल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया था. इस प्रतियोगिता में पंडरा महाबीर मंडल अखाड़ा ओवर आल चैंपियन बना था. बताया जाता है कि शहरी क्षेत्र में निकलने वाले शोभायात्रा का विस्तार तथा झांकी निकलाने को लेकर केन्द्रीय महावीर मंडल के तत्वावधान में बैठक रामनवमी से 15 दिन पहले किया गया था.
बैठक में पंडरा, बरवाटोली, जिलिंग, माराडीह, समेत अन्य अखाडा के आयोजन समिति के सदस्य शामिल हुए थे. बैठक में तय किया गया था इस साल शोभायात्रा का विस्तार करते हुए शोभायात्रा में सभी अखाड़ा भगवान राम, लक्ष्मण, सीता, भरत, शत्रुघ्न से लेकर बजरंग बली, सुग्रीव की बानर सेना का झांकी निकालेंगे. सप्तमी, अष्टमी तथा रामनवमी के मौके पर तीनों दिन शोभायात्रा में झांकी रहेगी.
इतना ही नहीं जनरेटर से लाईट लगाते हुए हैलोजन, टयुब लाईट लगाया जायेगा. चार अखाड़ा केन्द्रीय महाबीर मंडल, पंडरा, बाजारटांड़ तथा टाटी महाबीर मंडल बेंजो के साथ बैंड बाजा लेकर शोभायात्रा में शामिल होंगे. तय कार्यक्रम के अनुसार साल 1990 में केन्द्रीय महाबीर मंडल बस स्टैंड से शोभायात्रा शुरू होकर शहरी क्षेत्र में विभिन्न महाबीर मंडल अखाड़ा से मिलन के बाद ब्लाक मोड के समीप पश्चिमी क्षेत्र के अखाड़ों से मिलन के बाद पुर्वी क्षेत्रों के अखाड़ों से मिलने के लिए रूद चौक पहुंचे.
रूद चौक में पंडरा, बरवाटोली, जिलिंग, माराडीह, पुराना माराडीह समेत अन्य अखाड़ों से रात्रि दो बजे मिलन के बाद शोभायात्रा का समापन किया गया. नवमी को दिन के दो बजे शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया. शोभायात्रा शहरी क्षेत्र से निकलकर पुर्वी क्षेत्रों के अखाड़ों से ढुलुवाखुंटा के समीप मिलन के बाद वापस पश्चिम क्षेत्र के अखाड़ों से मिलने निकल पड़ा. राधिका मेडिकल हाल के समीप सभी अखाड़ों का मिलन हुआ.
इसके बाद शोभायात्रा मेलाटांड बाजारटांड़ पहुंची. मेलाटांड मे प्रतिभागियों ने अपने कला का प्रदर्शन किए इसके बाद शाम सात बजे से इंदिरा गांधी चौक में अस्त्र-शास्त्र चालन प्रतियोगिता के आयोजन किया गया. रात्रि 10 बजे तक प्रतियोगिता का संचालन किया गया इसके बाद पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता में ओवरऑल चैंपियन पंडरा, झांकी में बाजारटांड़ अखाड़ा, फैंसी प्रतियोगिता में हनुमान संध रामनगर धोबी टोला तथा बाजा में बरवाटोली अखाड़ा विजेता थे.
कुल मिलाकर 1990 मे शोभायात्रा का विस्तार किया गया था तथा 1990 से ही झांकी, बेंजो बाजा तथा बैंड बाजा के साथ शहरी क्षेत्र में शोभायात्रा का शुभारंभ किया गया जो वर्तमान तक जारी है. केन्द्रीय महाबीर मंडल के पदधारी रहें धीरज प्रसाद, नवीन कुमार टिंकू,पुरण बैठा, बरूण बैठा,
अर्जुन बैठा, ब्रजकिशोर प्रसाद तथा अन्य ने बताया कि रामनवमी के मौके पर अष्टमी की रात्रि साल 1975 में शहरी क्षेत्र के चार महाबीर मंडल रामनगर धोबीटोला महाबीर मंडल, बजरंग दल अखाडा बाजारटांड़, केन्द्रीय महाबीर मंडल बस स्टैंड तथा ब्लाक मोड अखाड़ा का शोभायात्रा लालटेन की रौशनी तथा टायर जलाकर निकाला गया था. इसके बाद रामनवमी के मौके पर दिन में शोभायात्रा का आयोजन किया गया था.