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Ram Navami 2024: रामनवमी पर राममय रांची, अयोध्या की छवि वाले झंडे की अधिक डिमांड

Ram Navami 2024: रामनवमी पर झारखंड की राजधानी रांची राममय हो गयी है. चारों तरफ उल्लास है. भक्ति का माहौल है. बाजार में महावीरी पताकों में अयोध्या की छवि वाले झंडे की अधिक डिमांड है.

By Guru Swarup Mishra | April 16, 2024 7:40 PM
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Ram Navami 2024: रांची-रामनवमी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची राममय हो गयी है. महावीरी झंडे से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. चारों तरफ रामनवमी की तैयारी चल रही है. इसे लेकर रांची के मेन रोड में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. रामनवमी को लेकर तरह-तरह के झंडे बाजार में आ चुके हैं. 17 अप्रैल को रामनवमी है. इस बार बाजार में भगवान राम और अयोध्या की छवि वाले झंडे की डिमांड अधिक देखी जा रही है. रांची के तपोवन मंदिर को भी सजाया गया है. महंत ओमप्रकाश शरण बताते हैं कि इस साल हम दूसरी बार रामनवमी मना रहे हैं.

भगवान राम की छवि वाले झंडे की अधिक डिमांड
रांची के मेन रोड में वर्षों से झंडे की दुकान लगाने वाले योगेंद्र सिंह बताते हैं कि हर बार रामनवमी पर शहर में उत्साह देखने को मिलता है, लेकिन इस बार का उत्साह ही कुछ और है. हर कोई अपने घर मे अयोध्या की झलक देखना चाह रहा है. यही वजह है कि झंडे में इस बार अयोध्या और भगवान राम की छवि वाले झंडे की डिमांड काफी हाई है.

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अयोध्या की तरह ही घर को सजाना है
हरमू से ख़रीदारी करने आए राहुल कुमार बताते हैं कि इस बार अयोध्या की तरह ही घर को सजाना है. बाजार में भी उसी तरह का झंडा देख रहा हूं. बहुत वेराइटी है इस बार. अच्छा लग रहा है देखकर कि अयोध्या की तरह ही ये रांची भी सज रही है. महावीरी पताके के लिए बांस की लकड़ी बेच रहे रामदेव कहते हैं कि इस बार बांस की डिमांड भी काफी ज्यादा है. ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है.

इस साल दो बार मना रहे रामनवमी
तपोवन मंदिर के महंत ओमप्रकाश शरण बताते हैं कि ये वर्ष हमारे लिए बहुत शुभ हुआ. हम इस वर्ष 2 बार रामनवमी मना रहे हैं. 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला के विराजने के वक्त ही रामनवमी मन गयी. झारखंड में जुलूस और झांकी की परंपरा है, लेकिन अयोध्या में जुलूस नहीं निकलता है. वहां पहले सरयू नदी में भक्त स्नान करते हैं. फिर हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हैं. इसके बाद रामलला के दर्शन करते हैं. झारखंड में जुलूस निकलता है. यहां भी लोग आते हैं. हाथ में हुनमान जी का झंडा लेकर चलते हैं. यहां आकर भगवान हुनमान के दर्शन करते हैं. इसके बाद ही भगवान राम के दर्शन करते हैं. ये प्रथा तो यहां भी है.

हर साल की तरह सजा है तपोवन मंदिर
इस बार भी हर साल की भांति तपोवन मंदिर को सजाया गया है. प्रसाद बनने की तैयारी चल रही है. झंडा लगाने के लिए जगह सुनिश्चित कर ली गयी है. वहीं प्रशासनिक सहयोग पर महंत ओमप्रकाश शरण कहते हैं कि हमारी तरफ से हर बार पत्र भेजा गया है, लेकिन उनकी क्या तैयारी है, वह अभी तक हमें नहीं पता है. हर वर्ष तैयारियों का जायजा लेने प्रशासन की टीम आती है. बाकी लोगों से यही अपील है कि रास्ता निर्माणाधीन है. पुल बन रहा है. लोग ध्यान से आएं और एक दूसरे का सहयोग करें.

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