Ram Navami: कांटाटोली में 1937 से निकल रही रामनवमी की शोभायात्रा
राजधानी रांची के कांटाटोली में वर्ष 1937 से श्री रामनवमी पूजा समिति की ओर से शोभायात्रा व झांकी निकाली जा रही है. इसमें लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. सभी का मिलाने देव मंदिर डंगराटोली में होता है.
Ram Navami: श्री रामनवमी पूजा समिति कांटाटोली (रविदास मोहल्ला) की ओर से वर्ष 1921 से रामनवमी की पूजा की जा रही है. बुजुर्गों ने बताया कि पहले सिर्फ अखाड़ा में ही पूजा की जाती थी. 80 वर्षीय घनश्याम दास और 72 वर्षीय जगजीवन राम ने बताया कि पहले जो अखाड़ा था, वो मिट्टी से बना था, जो सामुदायिक भवन के समीप था. आज उसी अखाड़े को बजरंगबली मंदिर के रूप में तब्दील कर दिया गया है.
वर्ष 1937 से श्री रामनवमी पूजा समिति की ओर से शोभायात्रा व झांकी निकाली जाने लगी. इसमें लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. वर्तमान में यहां से एक झंडा, एक झंडा नेताजी नगर, एक झंडा भुइयांटोली और एक झंडा लोवाडीह से निकलता है. सभी का मिलाने देव मंदिर डंगराटोली में होता है. वहां से सभी की शोभायात्रा राम मंदिर सर्जना चौक होते हुए तपोवन मंदिर पहुंचती है. इस वर्ष भी यहां के अध्यक्ष अनुज रवि भव्य रूप से शोभायात्रा निकालने तैयारी में जुटे हैं. इनमें संतोष रवि, बबलू रवि, राहुल रवि, रतन राम, भरत राम, सोहैल राम, सुदेश रवि, सनी, विमल, मोनू, अमन, मुकेश आदि सहयोग कर रहे हैं.
वहीं, रामनवमी को लेकर शहर में दूसरा मंगलवारी जुलूस गाजे-बाजे के साथ निकाला गया. विभिन्न अखाड़ेधारी अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन करते हुए शोभायात्रा में शामिल हुए. इस दौरान सभी अखाड़ों में पूजा कर प्रसाद का वितरण किया गया. रात के आठ बजे श्री महावीर मंडल के दिशा-निर्देश पर सभी अखाड़ों से शोभायात्रा निकाली गयी. इस शोभायात्रा का स्वागत महावीर मंडल के पूर्व अध्यक्ष जयसिंह यादव एवं राजीव रंजन मिश्रा ने महावीर चौक में किया. यहां मंगलवारी शोभायात्रा में आये सभी अखाड़ाधारियों का स्वागत माला पहनाकर एवं अंगवस्त्र देकर किया गया.
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