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झारखंड कृषि एवं पशुधन विपणन विधेयक-2022 को राज्यपाल की मंजूरी, अब इतने प्रतिशत लगेगा टैक्स, जानें प्रमुख बातें

24 मार्च 2022 को झारखंड विधानसभा से यह विधेयक पारित करा कर पहली बार राज्यपाल के पास भेजा गया था. लेकिन कई आपत्तियों के साथ इसे अस्वीकृत कर दिया गया. दूसरी बार शीतकालीन सत्र में विधानसभा द्वारा विधेयक को स्वीकृति के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था

राज्यपाल रमेश बैस ने चार सुझावों के साथ शुक्रवार को झारखंड विधानसभा से पारित ‘झारखंड राज्य कृषि उपज एवं पशुधन विपणन विधेयक-2022’ को अपनी सहमति प्रदान कर दी है. विधेयक पर राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अब राज्य में मुख्य रूप से खरीदारों से दो प्रतिशत कृषि बाजार टैक्स तथा तुरंत नष्ट होनेवाले कृषि उपज पर एक प्रतिशत टैक्स लगेगा. साथ ही विधेयक में कृषि विपणन में निजी भागीदारी व कृषकों को बाजार के अधिक विकल्प उपलब्ध कराने की बात कही गयी है.

गौरतलब है कि 24 मार्च 2022 को झारखंड विधानसभा से यह विधेयक पारित करा कर पहली बार राज्यपाल के पास भेजा गया था. लेकिन राज्यपाल की ओर से हिंदी-अंग्रेजी रूपांतरण सहित अन्य कई आपत्तियों के साथ इसे अस्वीकृत कर सरकार को 17 मई 2022 को लौटा दिया गया था.

दूसरी बार शीतकालीन सत्र में 24 दिसंबर 2022 को विधानसभा द्वारा विधेयक को स्वीकृति के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था. इसके बाद राज्यपाल ने एक फरवरी 2023 को विधेयक में निहित प्रावधानों को लेकर कृषि मंत्री बादल व कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीख को राजभवन बुलाकर चर्चा की. विधेयक पर चर्चा के लिए किसी मंत्री को पहली बार राजभवन बुलाया गया था.

राज्यपाल ने विधेयक के संबंध में कई सुझाव भी राज्य सरकार को दिये हैं. इसमें कहा है कि इस विधेयक के आलोक में नियमावली के गठन के दौरान सभी हितधारकों से व्यापक चर्चा सुनिश्चित की जाये. इसके अलावा बाजार शुल्क के दर निर्धारण में राज्य के ग्रामीण तथा अनुसूचित जनजातीय (एसटी) समुदाय के कृषकों का विशेष ध्यान रखते हुए शुल्क का निर्धारण किया जाये.

क्या-क्या प्रावधान रखे गये हैं विधेयक में

इस विधेयक में मुख्य रूप से किसानों के उत्पाद को बाजार उपलब्ध कराने की बात कही गयी है. राज्यों से आयतित वस्तुओं पर अधिकतम स्लैब दो प्रतिशत कृषि शुल्क लगाने का प्रावधान है. कच्चे माल में एक प्रतिशत और सीलबंद पैक माल यानि जल्द खराब नहीं होनेवाले माल पर अधिकतम एक प्रतिशत टैक्स लेने का प्रावधान है.

कृषि बाजार समितियों में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत या निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अध्यक्ष बनाया जाना, एक देश एक बाजार के तहत राज्य के कृषकों को आधुनिक विपणन व्यवस्था के तहत इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल से जोड़ना, कृषि बाजार टैक्स से प्राप्त राजस्व से ग्रामीण हाट-बाजारों के आधुनिकीकरण के साथ नये बाजारों की स्थापना की जायेगी. ताकि किसानों को प्रत्येक 10 किमी पर बाजार उपलब्ध हो सके.

अब आकस्मिक निधि से निकासी सीमा 1200 करोड़

राज्यपाल रमेश बैस ने शुक्रवार को झारखंड विधानसभा से पारित ‘झारखंड आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक- 2022’ को भी अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. इस विधेयक द्वारा अब राज्य की आकस्मिक निधि से निकासी की राशि 500 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 1200 करोड़ रुपये तक की कर दी गयी है.

27 फरवरी से बजट सत्र को मिली स्वीकृति

राज्यपाल रमेश बैस ने झारखंड विधानसभा में राज्य बजट सत्र 27 फरवरी 2023 से आहूत करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है. बजट सत्र इस बार 27 मार्च 2023 तक संभावित है. जबकि, बजट दो या तीन मार्च 2023 को पेश किये जाने की संभावना है.

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