राज्यपाल ने झारखंड के प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ लंबित निगरानी जांच की मांगी रिपोर्ट, दिया 15 दिनों का समय
राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ लंबित निगरानी जांच की रिपोर्ट मांगी है. निगरानी विभाग ने वर्ष 2001 से 2021 तक 864 सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते या अन्य मामलों में गिरफ्तार किया है.
रांची : राज्यपाल रमेश बैस ने राज्य सरकार से 15 दिनों के अंदर झारखंड में प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लंबित निगरानी जांच की रिपोर्ट मांगी है. इस बाबत राजभवन की ओर से मुख्य सचिव को पत्र भेज कर जिलावार विवरण के साथ रिपोर्ट मांगी गयी है. राज्य सरकार से अधिकारियों के खिलाफ मामला लंबित रखने के कारणों के साथ ही अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी गयी है.
राज्य निगरानी विभाग में वर्तमान में लगभग आधा दर्जन आइएएस व आइपीएस (इनमें सेवानिवृत्त अधिकारियों की संख्या अधिक है) अधिकारियों का मामला वर्षों से चल रहा है. इसके अलावा वर्तमान में कार्यरत दो से अधिक उच्च पदस्थ प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ भी निगरानी जांच चल रही है. निगरानी विभाग ने वर्ष 2001 से 2021 तक 864 सरकारी कर्मियों को रिश्वत लेते या अन्य मामलों में गिरफ्तार किया है. इसमें ज्यादातर राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, इंजीनियरिंग विभाग, बिजली विभाग व शिक्षा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं. कई अधिकारी व कर्मचारियों को जेल भी हुई, लेकिन जल्द छूट भी गये.
निगरानी विभाग के छह कार्यालय हैं राज्य में
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए निगरानी विभाग ने दुमका, पलामू, हजारीबाग, धनबाद व जमशेदपुर में कार्यालय खोले हैं. वही, रांची में विभाग का मुख्यालय है. निगरानी विभाग ने सबसे अधिक 2017 में 137 सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. वहीं, जून 2021 तक निगरानी विभाग में लगभग 84 मामलों में चार्जशीट किया गया है.
किस वर्ष कितने सरकारी कर्मियों को रंगे हाथ किया गया गिरफ्तार
वर्ष मामले
2001 23
2002 65
2003 26
2004 12
2005 06
2006 15
2007 15
2008 24
2009 16
2010 43
2011 13
2014 31
2015 54
2016 84
2017 137
2018 69
2019 67
2020 58
2021 51
Posted By : Sameer Oraon