रांची : राज्यपाल रमेश बैस ने रेडक्रॉस सोसाइटी में वित्तीय अनियमितता की शिकायत पर कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर इनमें संलिप्त पांच डॉक्टरों पर एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया था. लेकिन, लगभग एक माह के बाद रांची के उपायुक्त सह इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी रांची शाखा के अध्यक्ष ने सोसाइटी के कार्यवाहक अध्यक्ष को डॉ अशोक कुमार प्रसाद का नाम हटा कर चार डॉक्टरों पर ही एफआइआर करने का निर्देश दिया है.
राज्यपाल श्री बैस ने 21 फरवरी 2022 को रेड क्रॉस सोसाइटी की रांची शाखा कमेटी को भंग कर दोषी पाये गये डॉ सुशील कुमार, तत्कालीन सचिव डॉ उषा नरसरिया, तत्कालीन सदस्य डॉ अशोक कुमार प्रसाद, सदस्य डॉ जय प्रकाश गुप्ता व कोषाध्यक्ष मलकेट सिंह के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई एवं एफआइआर का आदेश दिया था. उपायुक्त द्वारा हस्ताक्षरित यह निर्देश कार्यालय, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, रांची (उप विकास आयुक्त, रांची की गोपनीय शाखा) के लेटर पैड पर दिया गया है.
राज्यपाल ने अपने आदेश में कमेटी को पूरी तरह से भंग कर दोषियों पर कार्रवाई करते हुए उनकी रेड क्रॉस सोसाइटी की सदस्यता भी हमेशा के लिए रद्द करने को कहा है. वर्ष 2017 से पहले की कमेटी व वर्ष 2018-2019 में बनी कमेटी के कई सदस्यों द्वारा राज्य सरकार द्वारा दी गयी राशि सहित गलत वाउचर, एडवांस, कार्यालय में प्राप्त एक लाख 17 हजार से अधिक रुपये नकद खर्च कर देने, 74 लाख रुपये की अनियमितता, लोगों से नियम विरुद्ध ब्लड के अधिक पैसे लेने सहित अन्य वित्तीय अनियमितता की शिकायत अॉडिट रिपोर्ट व उपायुक्त की जांच रिपोर्ट में भी आयी थी.
इसके बाद जिला शाखा के पदेन अध्यक्ष उपायुक्त ने सदस्यों को कारण बताअो नोटिस जारी किया था तथा दो दिन के अंदर जवाब देने का निर्देश दिया था. लेकिन, सदस्यों ने तीन हफ्ते का समय मांगा. इस बीच कोरोना के कारण मामला ठंडे बस्ते में चला गया था. दूसरी तरफ नयी कमेटी फरवरी 2019 में बनी. इसके निर्वाचित अध्यक्ष पीडी शर्मा बनाये गये. जबकि, निर्वाचित उपाध्यक्ष के रूप में डॉ अजीत कुमार सहाय का चयन हुआ.
26 अप्रैल 2021 को पीडी शर्मा का निधन हो गया. इसके बाद कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में डॉ सहाय कार्य कर रहे थे. डॉ सहाय ने पत्र लिख कर उपायुक्त सहित राजभवन को कमेटी का कार्यकाल 18 फरवरी 2022 को ही समाप्त होने व नयी कार्यकारिणी के चुनाव कराने की मांग की थी. ऐसी स्थिति में अब उपायुक्त द्वारा कमेटी भंग होने के बाद पुन: कार्यवाहक अध्यक्ष को एफआइआर करने का आदेश दिया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है.
रांची के उपायुक्त छविरंजन ने कहा है कि शुरुआत में गवर्नर को जो रिपोर्ट भेजी गयी थी, उसमें से एक की गड़बड़ी में कोई भूमिका नहीं मिली है, इसलिए उसका नाम केस से हटा दिया गया है. इस संबंध में गवर्नर को पत्र भेजकर पुनर्विचार करने का भी आग्रह किया गया था.
Posted By : Sameer Oraon