रांची विवि में 109 करोड़ की फाइल गुम होने के मामले में दर्ज हो प्राथमिकी, गवर्नर ने दिया आदेश
राज्यपाल ने डॉ कामिनी से 15 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. वीसी ने डॉ कामिनी द्वारा प्रभारी कुलपति के रूप में बरती गयी अनियमितताओं की ओर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराया था.
रांची: राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने शिक्षकों के एरियर के रूप में राज्य सरकार से अनियमित तरीके से लिए गये 109 करोड़ रुपये से संबंधित संचिका रांची विवि से गुम होने पर दोषी पदाधिकारियों व कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश कुलपति को दिया है. वहीं, राज्यपाल ने रांची विवि की तत्कालीन प्रोवीसी डॉ कामिनी कुमार को प्रभारी कुलपति के रूप में अनियमितता बरतने का दोषी पाया है.
इसकी तथ्यात्मक जांच करने का निर्देश वीसी डॉ अजीत कुमार सिन्हा को दिया है. राज्यपाल ने डॉ कामिनी से 15 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है. वीसी ने डॉ कामिनी द्वारा प्रभारी कुलपति के रूप में बरती गयी अनियमितताओं की ओर राज्यपाल का ध्यान आकृष्ट कराया था. इस पर कुलाधिपति कार्यालय द्वारा समीक्षा की गयी. इसमें कई बिंदुओं पर डॉ कामिनी को प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए तटस्थ जांच के लिए राज्यपाल ने उनका तबादला कोल्हान विवि में कर दिया. हालांकि, उन्होंने अब तक योगदान नहीं दिया है.
इन बिंदुओं पर मांगा स्पष्टीकरण :
1. रांची विवि में प्रभारी कुलपति के रूप में तृतीय व चतुर्थ वर्ग के 36 कर्मियों को 18 दिसंबर 2021 को नियमित कर दिया. शक्तियां नहीं रहते हुए उक्त कार्य कैसे किया?
2. रांची वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या से आवास भत्ता की वसूली के लिए छह अप्रैल को आदेश दिया गया था, जिसका पालन नहीं किया गया.
3. संचिका गुम मामले में तत्कालीन वीसी, वित्तीय सलाहकार, वित्त पदाधिकारी व कुलसचिव के विरुद्ध आरोप पत्र गठन का निर्देश दिया गया था. डॉ कामिनी ने प्रभारी वीसी रहते कार्रवाई नहीं की.
4. डॉ गौरी जिलानी की सेवा नियमितिकरण के प्रस्ताव पर प्रोवीसी ने दो विरोधाभासी तथ्य भेजे.
5. नये वीसी की नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने के बाद डॉ कामिनी ने विज्ञान प्रसार संस्थान के साथ एमओयू किया. यह कार्य कुलसचिव को करना था.