कोयलांचल में कोयला माफिया सक्रिय हैं. अवैध खनन करनेवाले नये नहीं हैं. उन पर कार्रवाई नहीं होना समझ से परे है. ऐसे खनन माफिया पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. जिला प्रशासन के साथ-साथ कोयला अधिकारी भी सामने आयें, नहीं तो लगेगा सबकी मिलीभगत है. ये बातें शुक्रवार को सामुदायिक भवन कोयला नगर में बीसीसीएल एवं इम्मा द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान राज्यपाल रमेश बैस ने कही.
राज्यपाल कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने कहा, कोयला चोरी और अवैध खनन की खबरें अक्सर अखबारों में पढ़ते हैं. बहुत दुख होता है. कोयला किसी की निजी संपत्ति नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संपदा है. अवैध खनन में लगातार लोगों की मौतें हो रहीं. यह चिंता का विषय है. अगर यह लंबे समय से चल रहा है, तो यह पता होना चाहिए, इसमें कौन-कौन शामिल हैं. जिला प्रशासन व पुलिस ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई करे. अवैध खनन से देश व प्रदेश के राजस्व की काफी हानि होती है.
राज्यपाल ने बीसीसीएल के स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर बधाई दी. कहा : देश के विकास में बीसीसीएल का बड़ा योगदान है. खनन क्षेत्र में नयी तकनीक के साथ उसमें काम कर रहे मजदूरों को भी सही तरीके से ट्रेनिंग देने की जरूरत है. पिछले दिनों झरिया फायर प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया था. आग के बीच माइनिंग बेहद जोखिम भरा काम है.
खनन के क्षेत्र में सुरक्षा पर बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है. खनन एक जोखिम भरा पेशा है और काम के दौरान कर्मी सुरक्षित रहें, यह भी सुनिश्चित करना होगा. साथ ही इस क्षेत्र में निरंतर नवीनतम तकनीक और उपकरणों का उपयोग करने के आलावा इसमें काम करनेवाले कर्मियों को भी नियमित रूप से प्रशिक्षित करते रहना होगा.
राज्यपाल ने कहा कि खनन गतिविधियों का पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. पर्यावरण को इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव झेलना पड़ता है, जिसमें वनों की कटाई, जल तथा वायु प्रदूषण शामिल हैं. इन प्रभावों को कम करने और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन कंपनियों को नयी तकनीक पर ध्यान देना होगा.राज्यपाल ने कोल कंपनियों को सीएसआर के क्षेत्र में कार्य करने के कई सुझाव दिये.
कार्यक्रम स्थल से लौटने के बाद राज्यपाल ने सर्किट हाउस में उपायुक्त संदीप सिंह, एसएसपी संजीव कुमार सहित कई वरीय अधिकारियों के साथ बैठक की.