झारखंड: उद्योग के कारण रामगढ़ सबसे प्रदूषित शहर, रांची, जमशेदपुर व धनबाद के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार

पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का उत्सर्जन रामगढ़ में सबसे अधिक पाया गया. इसलिए ये सबसे अधिक प्रदूषित है. इसके बाद हजारीबाग, पाकुड़, साहिबगंज, चाईबासा और दुमका का स्थान आता है. हालांकि रामगढ़ की आबादी साहिबगंज और हजारीबाग की तुलना में कम है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 11, 2023 6:20 AM

रांची. झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (जेएसपीसीबी), सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) और सेंटर फॉर स्टडी ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी (सी-स्टेप) ने झारखंड के छह शहरों की वायु प्रदूषण स्थिति से संबंधित एमिशन इन्वेंट्री रिपोर्ट (प्रदूषण उत्सर्जन सूची) जारी की. इसमें रामगढ़, हजारीबाग, साहिबगंज, दुमका, पाकुड़ और चाईबासा में प्रदूषण फैलानेवाले स्रोत एवं कारकों की जानकारी दी गयी. इस रिपोर्ट के अनुसार पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) का उत्सर्जन रामगढ़ में सबसे अधिक पाया गया.

वायु प्रदूषण कम करने को प्राथमिकता

रामगढ़ के बाद हजारीबाग, पाकुड़, साहिबगंज, चाईबासा और दुमका का स्थान आता है. हालांकि रामगढ़ की आबादी साहिबगंज और हजारीबाग की तुलना में कम है, लेकिन शहर के अंदर और आसपास बड़ी संख्या में भारी उद्योग होने के कारण पीएम ज्यादा पाया गया. दुमका, चाईबासा और हजारीबाग में पीएम 2.5 एमिशन के लिए परिवहन मुख्य रूप से जिम्मेवार है. साहिबगंज और पाकुड़ में पीएम 2.5 एमिशन का कारण घरेलू क्षेत्र रहा. इसमें वायु प्रदूषण के लिए घरेलू, व्यावसायिक, इंडस्ट्री, निर्माण गतिविधियों, खुले में जलावन और सड़क की धूल आदि विभिन्न कारकों एवं क्षेत्रों का अध्ययन किया गया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदूषण बोर्ड के वैज्ञानिक संजय श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक मुद्दे के रूप में वायु प्रदूषण को कम करने को प्राथमिकता दी है.

क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के अनुसार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तीन शहरों (रांची, जमशेदपुर और धनबाद) के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान तैयार किया गया है और इन्हें लागू किया जा रहा है. सी-स्टेप, बेंगलुरु में सीनियर रिसर्च साइंटिस्ट डॉ प्रतिमा सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा छह शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर को समझने के लिए बनी एमिशन इन्वेंटरी रिपोर्ट एक ठोस कदम है. वायु प्रदूषण की चुनौतियों पर काम किया जा सकेगा. इस मौके पर सीड के निदेशक रिसर्च एंड डेवलपमेंट डॉ मनीष कुमार ने भी विचार रखा.

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