राज्यसभा चुनाव 19 जून को तय है़ चुनाव से पहले राजनीतिक बिसात बिछ गयी है़ राज्यसभा चुनाव को लेकर तकरार बढ़ी है़ चुनाव आयोग के फैसले के बाद राजनीतिक दल आमने-सामने है़ं भाजपा ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है़ विधायक प्रदीप यादव व बंधु तिर्की ने चुनाव आयोग को केंद्र सरकार के लिए काम करने वाला एजेंसी बताया, वहीं भाजपा ने इसे न्याय करने वाला बताया है़
रांची. विधायक प्रदीप यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार ने हर संस्था को कमजोर करने का काम किया है़ केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण संस्थाओं को पॉकेट में रख लिया है़ पंगु बना दिया है़ आयोग को किसी विधायक की सदस्यता तय करने का अधिकार नहीं है़ 10वीं अनुसूची में यह अधिकार स्पीकर के पास है़ हमें स्पीकर पर पूरा भरोसा है़ चुनाव आयोग ने केंद्र सरकार के एजेंट के रूप में काम किया है़ इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है़
विधायक बंधु तिर्की ने कहा है कि संवैधानिक संस्था को केंद्र सरकार गिरवी बना रही है़ आयोग का रवैया ठीक नहीं है़ केंद्र सरकार के इशारे पर सब कुछ हो रहा है. इस तरह विधायकों की सदस्यता के मामले में आयोग को फैसला देने का अधिकार नहीं है़ आयोग चुनाव में भेदभाव कर रहा है़ भाजपा किसी भी तरह एक सीट हथियाना चाहती है़ कानून और संस्था से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है़ हमारी सदस्यता पर फैसला स्पीकर को करना है़
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्णय का स्वागत किया है. कहा कि आयोग ने बाबूलाल मरांडी को भाजपा विधायक की मान्यता देकर नीति संगत काम किया है़ झाविमो विधायक दल व झाविमो पार्टी का भाजपा में विधिवत विलय हुआ है़ इसकी पुष्टि आयोग पूर्व में ही कर चुका है़ श्री प्रकाश ने कहा कि झाविमो के विलय की सूचना स्पीकर को भी दी गयी है़ बाबूलाल मरांडी को स्पीकर अविलंब प्रतिपक्ष के नेता के रूप में मान्यता दे़ं
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य में मंत्रियों एवं विधायकों के साथ आवास आवंटन में भेदभाव किया जा रहा है़ श्री मरांडी ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है़ उन्होंने कहा है कि नियम-कानून को पूरी तरह ताक पर रखकर असमानता बरती जा रही है. सरकार के अधिकारी निरंकुश व स्वच्छंद तरीके से आवास आवंटन कर रहे है़ं अधिकारियों द्वारा आवास आवंटन में जो रवैया व मापदंड अपनाया जा रहा है, वह उचित नहीं है़ इससे राज्य में एक अलग प्रकार की प्रवृति पैदा होगी़
उन्होंने कहा कि नये विधायकों को उच्च श्रेणी का आवास मुहैया कराया गया है, तीन-तीन बार जीतकर आने वाले विधायकों को उससे निम्न श्रेणी का आवास आवंटित किया जा रहा है़ वरीयता का ख्याल नहीं रखा जा रहा है़ श्री मरांडी ने कहा कि भारत सरकार सहित सभी राज्यों में भी आवास आवंटन का नियम बना हुआ है़ उसी नियम के अनुरूप आवासों का आवंटन होना भी चाहिए. यह मामला वरिष्ठ विधायकों के विधायकों मान-सम्मान से जुड़ा है़
Posted by : Pritish Sahay