रांची : हाल ही में कांग्रेस का दामन थामने वाले रांची के पूर्व सांसद रामटहल चौधरी का मोह पार्टी से कुछ ही दिन में भंग हो गया. शनिवार को उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. यह पूर्व सांसद टिकट न मिलने के कारण पार्टी से नाराज चल रहे थे.
कांग्रेस से चल रहे थे नाराज
रांची के पूर्व सांसद रामटहल चौधरी को कांग्रेस ने टिकट न देकर सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को टिकट दिया. जिसके बाद से वे पार्टी से नाराज चल रहे थे. जिसके बाद आज उन्होंने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं मान सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता हूं. मैं यहां किसी पार्टी का झंडा ढोने नहीं आया हूं. चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह कार्यकर्ताओं से सलाह लेने के बाद ही इस बारे में कोई फैसला लेंगे.
प्रभात खबर से बातचीत में बतायी थी पूरी कहानी
रांची से यशस्विनी सहाय को कांग्रेस प्रत्याशी बनाये जाने के बाद उन्होंने प्रभात खबर से बातचीत में खुलकर नाराजगी व्यक्त की थी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें दिल्ली बुलाया गया था. इसके बाद रांची लोकसभा सीट का फीडबैक लिया गया. फिर टिकट का आश्वासन दिया गया. उस मुझसे कहा गया कि जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. इसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी.
कांग्रेस ने यशस्विनी सहाय को बनाया है उम्मीदवार
बता दें कुछ दिन पहले कांग्रेस ने रांची से अपना प्रत्याशी घोषित किया था. जहां पार्टी ने सुबोधकांत सहाय की जगह उनकी बेटी यशस्विनी सहाय को रांची लोकसभा सीट से टिकट दिया. हालांकि, उम्मीदवार की घोषणा होने से सुबोध कांत सहाय, रामटहल चौधरी और बन्ना गुप्ता का नाम चर्चा में चल रहा था. लेकिन बाद में कांग्रेस ने रांची से यशस्विनी सहाय को टिकट दिया गया.
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