रांची. शहर के घरों से निकलने वाले सूखे कचरे को अब झिरी नहीं ले जाया जायेगा. इसका निस्तारण अब शहर के अंदर ही कर दिया जायेगा. इसके लिए रांची नगर निगम शहर में अलग-अलग जगहों पर 12 एमआरएफ (मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) प्लांट लगायेगा. प्लांट लगाने पर करीब 29 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पांच-पांच वार्ड के दायरे में होगा एक प्लांट
वर्तमान में रांची नगर निगम क्षेत्र में 53 वार्ड हैं. इन 53 वार्डाें में से हर पांच वार्ड के दायरे में एक प्लांट का निर्माण किया जायेगा. ताकि, घरों से जो भी सूखा कचरा निकले, वह आसानी से नजदीकी प्लांट तक पहुंच जायेग.
टेंडर हुआ फाइनल, काम होगा शुरू
प्लांट लगाने को लेकर टेंडर फाइनल हो गया है. शहर में 12 जगहों पर लगनेवाले प्लांटों में से आठ प्लांट का निर्माण टीपीएस कंपनी द्वारा किया जायेगा. वहीं, चार जगहों पर इसका निर्माण कूड़ा उठाने का कार्य करने वाली कंपनी स्वच्छता कॉरपोरेशन द्वारा किया जायेगा. इन प्लांटों में घरों से निकाल कर जो भी सूखा कचरा मसलन कागज, पेपर, पॉलीथिन, प्लास्टिक, कांच के बोतल व मेटल लाये जायेंगे, उसे मशीन के माध्यम से अलग-अलग किया जायेगा. फिर इसी प्लांट में इसका निस्तारण कर दिया जायेगा. जिन कचरों का निस्तारण एमआरएफ प्लांट में नहीं किया जा सकता है, उसे झिरी के आरडीएफ प्लांट में भेज दिया जायेगा. यहां इससे ईंटें आदि बनायी जायेंगी.
झिरी का लोड हो जायेगा कम
वर्तमान में रांची नगर निगम द्वारा घरों से निकलनेवाले कचरे को सीधे झिरी भेज दिया जाता है. लेकिन, शहर के अंदर इन प्लांटों के लग जाने से घरों से निकलने वाले सूखे कचरे का निस्तारण शहर के अंदर ही कर लिया जायेगा. वहीं, सिर्फ गीला कचरा को झिरी भेजा जायेगा. इससे झिरी में भी गीला कचरा के निस्तारण का कार्य आसानी से संभव हो सकेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है