रांची अधिवक्ता मनोज झा हत्याकांड का खुलासा, ऐसे दिया था घटना को अंजाम, पांच अपराधी गिरफ्तार
दाहिने पैर से दिव्यांग लंगड़ा पर 17 सीएलए एक्ट सहित 13 मामले दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि जमीन विवाद को लेकर अधिवक्ता की हत्या की गयी थी. घटना को अंजाम देने में कुल 10 अपराधी शामिल थे. अपराधियों के पास से एक देशी पिस्टल, तीन गोली, कार, छह मोबाइल और एक बाइक बरामद की गयी है.
Jharkhand Ranchi Crime News रांची : 26 जुलाई को हुए अधिवक्ता मनोज कुमार झा की हत्या का खुलासा रांची पुलिस ने कर दिया है. इसमें शूटर और रेकी करनेवाले सहित पांच अपराधी गिरफ्तार किये गये हैं. मुख्य आरोपी अफसर आलम उर्फ छोटू उर्फ लंगड़ा अब भी फरार है. वह नक्सली जोनल कमांडर महाराज प्रमाणिक के लिए काम करता था.
दाहिने पैर से दिव्यांग लंगड़ा पर 17 सीएलए एक्ट सहित 13 मामले दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि जमीन विवाद को लेकर अधिवक्ता की हत्या की गयी थी. घटना को अंजाम देने में कुल 10 अपराधी शामिल थे. अपराधियों के पास से एक देशी पिस्टल, तीन गोली, कार, छह मोबाइल और एक बाइक बरामद की गयी है. लंगड़ा के साथ शूटर सोनू अंसारी व अन्य दो अपराधियों ने अधिवक्ता पर ताबड़तोड़ गोली चलायी थी और उनकी मौत होने तक वहीं रुके थे.
यह जानकारी एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा और ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने प्रेस कांफ्रेंस में दी.
संजीत व शकील ने भागने में लंगड़ा की मदद की
एसएसपी और ग्रामीण एसपी ने बताया कि 26 जुलाई को हत्या के समय संजीत मांझी और शकील अंसारी कार लेकर तैयार थे. घटना के बाद अफसर आलम उर्फ लंगड़ा को लेकर दोनों वहां से निकल भागे. संजीत, शकील अंसारी और अफसर आलम पश्चिम बंगाल के बागमुंडी तक साथ गये. वहां शकील व अफसर को छोड़ कर संजीत कार लेकर लौट आया. फिर बागमुंडी से शकील, अफसर आलम को लेकर पुरुलिया के रसुलडीह से सुदूरवर्ती इलाके में चला गया. इस दौरान ये लोग कार का नंबर प्लेट भी बदल देते थे.
रिजवान ने निभायी थी फाइनेंसर की भूमिका
अपराधियों में सोनू अंसारी, इमदाद अंसारी, रिजवान अंसारी, संजीत मांझी और शकील अंसारी शामिल हैं. इसमें रिजवान अंसारी व इमदाद उर्फ मुन्ना ने रेकी करनेवाले की भूमिका निभायी थी. रिजवान ने ही इसमें इनके फाइनेंसर की भूमिका भी निभायी थी, जबकि सोनू लूट मामले में दो महीना पहले ही जेल से छूटा है.
Posted by : Sameer Oraon