रांची : गोकुल नगर तक नहीं पहुंचता है एंबुलेंस, मरीजों को खटिया के सहारे मुख्य सड़क तक पहुंचाते हैं लोग
प्रखंड क्षेत्र भुइयांडीह मोड़ एनएच 33 से गोकुल नगर तक जाने की सड़क आजादी के बाद से अब तक नही बनी. सड़क की लंबाई लगभग 2 किलोमीटर है. वहीं सड़क के बिच में एक सतीया नदी भी बहती है. बारिश में सतीया नदी पर पानी का बहाव काफी तेज हो जाता है.
संवाददाता शुभम हल्दार, तमाड़ : प्रखंड क्षेत्र भुइयांडीह मोड़ एनएच 33 से गोकुल नगर तक जाने की सड़क आजादी के बाद से अब तक नही बनी है. सड़क की लंबाई लगभग 2 किलोमीटर है. वहीं सड़क के बिच में एक सतीया नदी भी बहती है. बारिश में सतीया नदी पर पानी का बहाव काफी तेज हो जाता है. छात्र-छात्राओं को बारिश के दिनो में विद्यालय, कॉलेज आने जाने में अपनी जान जोखिम में डाल कर जाना पड़ता हैं. तेज बहाव से बहती हुई सतीया नदी से कभी भी कोई बह कर मौत के मुंह में समा सकता है. गोकुलनगर के ग्रामीण खीरा, टमाटर, भिंडी, आलू आदी सब्जियों की खेती करते हैं. किसान इसी रास्ते से सब्जियों को लेकर भुइयांडीह बाजार में लें जाकर थोक में व्यापारी को बेच देते है. व्यापारी किसानो से सब्जी खरीदकर कोलकाता, उड़ीसा, बंगाल में बेचते हैं.
किसानो को सब्जियां कच्ची जर्जर सड़क और बिच में बहता हुआ सतीया नदी से होकर भुइयांडीह बाजार पहुंचाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनो में राहगीरों को सड़क में कीचड़ होने से पैदल चलने में बहुत समस्या होती हैं. वही दो पहिया वाहनो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं. वही समाजसेवी दीनबन्धु स्वांसी और राजेश उरांव ने बताया की उक्त सड़क और सतीया नदी पर कलभत निर्माण के लिए बैठक कर आम सभा किया गया है. किसानो और छात्र-छात्राओं ने परेशानी को देखते हुए कई बार सड़क निर्माण की मांग रखी. जनप्रतिनिधियों को कई बार आवेदन भी दिया गया. लेकिन उक्त सड़क पर निर्माण के लिए ग्रामीण और किसान अब तक टकटकी लगाए बैठे हैं. गोकुल नगर के ग्रामीणों को ईलाज के लिए हॉस्पिटल जाने के लिए आपातकाल में मरीजों को खटिया के सहारे भुइयांडीह एनएच 33 तक पहुंचाना पड़ता है. उसके बाद एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया जाता है. ग्रामीणों ने आगामी चुनाव तक सड़क और कलभट निर्माण की मांग की है.
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