Ranchi : खतरे में भैरवी नदी, उद्गम स्थल पर ही मलबा डाल बना दी गयी सड़क
राज्य के जनमानस की आस्था से जुड़ी भैरवी नदी के अस्तित्व को जड़ से मिटाने की तैयारी है. ओरमांझी के इचादाग में भैरवी अपने उदगम स्थल पर ही बेमौत मारी जा रही है. ओरमांझी की जयडीहा पंचायत के पास इस नदी के बीच में ही बेरोक-टोक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है.
ओरमांझी, रोहित लाल. राज्य के जनमानस की आस्था से जुड़ी भैरवी नदी के अस्तित्व को जड़ से मिटाने की तैयारी है. ओरमांझी के इचादाग में भैरवी अपने उदगम स्थल पर ही बेमौत मारी जा रही है. ओरमांझी की जयडीहा पंचायत के पास इस नदी के बीच में ही बेरोक-टोक सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. पत्थर का मलबा भी डाल दिया गया है. इस कारण नदी ने नाले का रूप ले लिया है. दुस्साहस ऐसा कि नदी के बीचोबीच पत्थर खदान बना दी गयी है. पत्थर खनन कर इस नदी के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया गया है.
बेतहाशा पत्थर खनन से बिगड़ा पर्यावरण
बेतहाशा पत्थर उत्खनन करने के लिए इलाके का पूरा पर्यावरण बिगाड़ दिया गया है. अवैध खनन करनेवाले नदी के बहाव के मार्ग में पत्थर का डस्ट भर दे रहे हैं. इस कारण कभी चौड़े बहाव को लेकर बहनेवाली नदी का आकार सिमट गया है. ग्रामीण प्रदूषण से परेशान हैं.
नदी के मार्ग से ही रोज गुजरते हैं 60 से 70 हाइवा
नदी के बहाव को रोकने के लिए पत्थर व्यवसायियों ने हर उपाय कर लिया है. पत्थर उत्खनन कर बाहर भेजने के लिए जो रास्ते बनाये जा रहे हैं, उनसे हर दिन 60 से 70 हाइवा चलते हैं. पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. बेपरवाह माइनिंग ने नदी के बहाव चक्र को बर्बाद किया है. इसे लेकर स्थानीय लोग भी चिंतित नजर आ रहे हैं.
इचादाग की वादियों की खूबसूरती देखते बनती थी
इचादाग पहाड़ के पास भैरवी कलकल बहती थी. यहां की वादियों की खूबसूरती देखते बनती थी. आसपास के जंगल इसकी खूबसूरती और बढ़ाते थे, लेकिन आज स्थिति बदल गयी है. वायु प्रदूषण से आसपास के गांव परेशान हैं. माइनिंग के क्रम में पर्यावरण से पूरी तरह खिलवाड़ हुआ है.
नदी को बचाने के लिए आंदोलन की चेतावनी
पत्थर खदानों व क्रशरों के संचालन से प्राकृतिक जल, जंगल और जमीन खतरे में हैं. प्रमुख अनुपमा देवी ने कहा कि रांची डीसी और ओरमांझी सीओ से लिखित शिकायत कर चुके हैं.