रांची. किसानों की समस्याओं को लेकर आंदोलन करने के मामले में आरोपी राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश को झारखंड हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने उनकी ओर से दायर क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई की. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए प्रार्थी दीपक प्रकाश के खिलाफ कांके थाना में दर्ज प्राथमिकी व उनके खिलाफ एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही को निरस्त कर दिया.
निचली अदालत ने 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया था
इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राहुल कुमार ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि किसानों के हितों को लेकर आंदोलन करने को लेकर कांके थाना में जो प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी, उसमें कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है. प्रार्थी के खिलाफ द्वेषपूर्ण तरीके से आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है. अधिवक्ता ने प्राथमिकी व आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी दीपक प्रकाश ने क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की थी. मामले में पूर्व में निचली अदालत ने आंदोलन में शामिल रहे भाजपा सांसद दीपक प्रकाश, तत्कालीन कांके विधायक समरी लाल सहित 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया था, जिसे चुनौती दी गयी थी.
दीपक प्रकाश, समरी लाल सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था
जून 2021 में कांके के अंचल निरीक्षक के लिखित आवेदन पर कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें दीपक प्रकाश, समरी लाल सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश व तत्कालीन कांके विधायक समरी लाल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसानों की ऋण माफी, फसल की उचित कीमत का भुगतान व बीज की उपलब्धता को लेकर राज्य सरकार के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन किया था. मामले में कांके थाना में कांड संख्या-141/2021 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
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