रांची के सुगनू में स्थापित होगा बीएसएफ का कैंप, वन विभाग ने दिया क्लियरेंस
कांके के सुगनू में बीएसएफ की बटालियन का कैंप स्थापित किया जायेगा. इसके लिए वन विभाग से करीब 32 हेक्टेयर का उपयोग करने की अनुमति मांगी गयी थी. इसमें 12.14 हेक्टेयर वन भूमि थी. इसके उपयोग की अनुमति वन विभाग ने दी है.
मनोज सिंह, रांची
Ranchi News: कांके के सुगनू में बीएसएफ की बटालियन का कैंप स्थापित किया जायेगा. इसके लिए वन विभाग से करीब 32 हेक्टेयर का उपयोग करने की अनुमति मांगी गयी थी. इसमें 12.14 हेक्टेयर वन भूमि थी. इसके उपयोग की अनुमति वन विभाग ने दी है. शेष जमीन जंगल-झाड़ के रूप में चिह्नित है. वन विभाग ने जानकारी दी है कि शेष जमीन भू-राजस्व विभाग के अंतर्गत आता है.
आधा दर्जन से अधिक की परियोजनाओं के लिए दी अनुमति
जानकारी के अनुसार, वन विभाग ने आधा दर्जन से अधिक परियोजनाओं को वन भूमि का उपयोग करने की अनुमति दी है. इधर दूसरी ओर वन विभाग से पीजीसीआइएल ने रांची से नामकुम रास्ते में ट्रांसमिशन लाइन बनाने के लिए 13.21 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग करने की अनुमति मांगी थी. इसमें 5.84 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की अनुमति दी गयी है. शेष भूमि जंगल-झाड़ के रूप में चिह्नित किया गया है. इसका अधिकार भू-राजस्व विभाग के पास है. इस जमीन पर 220 केवीए ट्रांसमिशन लाइन बनायी जानी है. वन विभाग ने हटिया-बरौनी लाइन में क्रूड आयल की आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 3.3 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की अनुमति दी है. विभाग से कुल 8.7 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की अनुमति मांगी गयी थी. इसमें 3.3 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि जंगल-झाड़ के रूप में चिह्नित है.
गोड्डा में अडानी पावर को भी मिली अनुमति
वन विभाग ने गोड्डा में अडानी पावर लिमिटेड को भी आठ हेक्टेयर वन भूमि उपयोग की अनुमति दी है. वन विभाग ने इसका आदेश जारी कर दिया है. विभाग द्वारा स्टेज-2 स्वीकृति के लिए लगाये गये प्रावधान के तहत इस भूमि के उपयोग की अनुमति दी गयी है. वन विभाग ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीजीसीआइएल) के लिए भी 10 हेक्टेयर वन भूमि के उपयोग की अनुमति दी है. इसमें 2.25 एकड़ जंगल झाड़ी के रूप में चिह्नित है. इस पर भू-राजस्व विभाग का नियंत्रण है. इस भूमि पर पीजीसीआइएल को 400 केवी डीसी लाइन के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम लगानी है.
एनएच-33 के लिए भी मिली वन भूमि
राज्य बंजर भूमि विकास बोर्ड ने एनएच-33 के चौड़ीकरण के लिए भी 2.30 हेक्टेयर वन भूमि उपयोग की अनुमति दे दी है. इस वन भूमि पर फोर लेन सड़क को छह लेन में बदला जायेगा. इसके लिए वन विभाग ने रड़गांव के पास वन भूमि दी है. पहले से ही यहां करीब 39 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग वन विभाग कर रहा है.
शहरों के विकास पर सुझाव देगी उच्चस्तरीय कमेटी
झारखंड के शहरों के विकास पर सुझाव देने के लिए राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है. नगर विकास विभाग के सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी शहरों के विकास के लिए नीतियों के निर्माण, योजना आदि के कार्य, नियम व गुड गवर्नेंस पर सुझाव देगी. कमेटी के सुझाव भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय को भेजे जायेंगे. कमेटी में राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक, नगरीय प्रशासन निदेशक, आरआरडीए के उपाध्यक्ष, आइटी निदेशक, आइआइएम रांची व बीआइटी मेसरा के प्रतिनिधि होंगे. नगर विकास विभाग के नगर निवेशक समिति के सदस्य सचिव होंगे. कमेटी अपने कार्यों के अलावा भारत सरकार के द्वारा शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए गठित केंद्रीय उच्च स्तरीय समिति के साथ समन्वय स्थापित कर सूचनाओं और विचारों का आदान-प्रदान भी करेगी.
राज्य के सभी शहरों में वेंडिंग जोन
राज्य के सभी शहरों में वेंडिंग जोन बनाया जायेगा. वेंडिंग जोन में ठेले-खोमचों पर व्यवसाय करनेवालों के साथ फुटपाथ दुकानदारों को भी जगह दी जायेगी. वेंडिंग जोन में छोटे व्यवसायियों को सुविधाएं प्रदान की जायेगी. बैठने के लिए चबूतरे, शेडिंग, चापाकल और शौचालय की व्यवस्था रहेगी. नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों को अपने क्षेत्रों में कम से कम एक-एक वेंडिंग जोन का निर्माण करने का निर्देश दिया है. इसके लिए निकाय के पास उपलब्ध खाली पड़ी सरकारी भूमि का चयन कर योजना तैयार करने को कहा गया है.
निकायों को भी मिले निर्देश
निकायों को कहा गया है कि ठेला, खोमचा व अन्य छोटे वेंडरों द्वारा सड़क के किनारे व्यापार किया जाता है. इससे व्यस्त सड़कों पर ट्रैफिक प्रभावित होता है. प्रशासन समय-समय पर उनको अतिक्रमणकारी मानते हुए हटाता है. हालांकि, छोटे वेंडरों के पास रोजी-रोजगार का कोई अन्य विकल्प नहीं होता है. इसी कारण से वह कुछ दिनों बाद फिर से उसी जगह पर अतिक्रमण कर व्यापार करने के लिए विवश हो जाते हैं. छोटे वेंडरों के जीवन-यापन की व्यवस्था को देखते हुए उनको व्यवस्थित तरीके से रोजगार के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए शहरों में वेंडिंग जोन बनाने का फैसला किया गया है. शहरी आजीविका मिशन के तहत भारत सरकार वेंडिंग जोन के निर्माण के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान करेगी.