Ranchi News : सिकिदिरी हाइडल प्रोजेक्ट की रिपेयरिंग का काम 2.5 करोड़ की जगह 20.87 करोड़ रुपये में कराने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन शिवेंद्रनाथ (एसएन) वर्मा और तत्कालीन सदस्य वित्त आलोक शरण पर अभियोजन चलाने की स्वीकृति दे दी है. दोनों पर सीबीआई और एसीबी की जांच भी चल रही है. एसएन वर्मा वर्तमान में उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और आलोक शरण इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स आइएनसी, एटीएस एडवांटेज, उत्तर प्रदेश में प्रधान निदेशक हैं.
इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में अभियुक्तों पर वर्ष 2011-2012 में झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड, भारत हेवी इलेक्ट्रीक्लस लिमिटेड (भेल), भोपाल एवं मेसर्स नॉर्दन पावर इरेक्टर लिमिटेड (एनपीइएल) के पदाधिकारियों के साथ मिलीभगत कर आपराधिक षड्यंत्र कर स्वर्णरेखा हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट, सिकिदरी की मरम्मत व रखरखाव के लिए मनोनयन के आधार पर 2.5 करोड़ रुपये के काम को बहुत ही ऊंची दर 20.87 करोड़ रुपये में भेल को देने का आरोप है.