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रांची रेल अस्पताल से टूटने लगी लोगों की आस, न ही पर्याप्त बेड है और न दवाई, मजबूरन लगा रहे दूसरे अस्पतालों के चक्कर

यहां 13 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं, जबकि सात बेड के पास ऑक्सीजन की व्यवस्था ट्रॉली से की गयी है. आठ हजार से अधिक कर्मियों के 30 हजार से अधिक परिवार को इलाज यहां कैसे होगा, यह चिंता का विषय है. कोरोना संक्रमण में यहां ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

Coronavirus Update Ranchi रांची : कोरोना काल में रेल अस्पताल से रेल कर्मियों की आस टूटने लगी है. रेलवे अस्पताल कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज में अक्षम साबित हो रहा है. वेंटिलेटर समेत जीवन रक्षक उपकरण व दवा की कमी के कारण बीमार कर्मी राजधानी के दूसरे अस्पतालों का चक्कर काटने को विवश हैं. जानकारी के अनुसार 40 बेड वाले रेल अस्पताल में 20 बेड कोरोना संक्रमित कर्मियों के लिए रखा गया है. यह बेड अब भर गये हैं.

यहां 13 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं, जबकि सात बेड के पास ऑक्सीजन की व्यवस्था ट्रॉली से की गयी है. आठ हजार से अधिक कर्मियों के 30 हजार से अधिक परिवार को इलाज यहां कैसे होगा, यह चिंता का विषय है. कोरोना संक्रमण में यहां ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है.

कांट्रैक्ट पर रखे जायेंगे चिकित्सक:

इधर, रेल अस्पताल प्रबंधन संक्रमित रेल कर्मियों की संख्या में वृद्धि होने के बाद तोड़ा सजग हुआ है. जानकारी के अनुसार रेलवे के 200 से अधिक कर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. रेल अस्पताल प्रबंधन ने इसे देखते हुए सात चिकित्सकों को कांट्रैक्ट पर रखने के लिए सोमवार से साक्षात्कार शुरू किया है. वहीं इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, इसे लेकर रेलवे के अधिकारी कुछ बता नहीं पा रहे हैं.

कई चिकित्सक व कर्मी संक्रमित:

रेल अस्पताल में सात में से तीन चिकित्सक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. सात कर्मी भी कोरोना से संक्रमित हैं. इसका असर कर्मियों के इलाज पर पड़ रहा है. अस्पताल के चिकित्सक ने कहा कि बेड बढ़ाने का कोई विकल्प नहीं हैं. सीमित संसाधन में ही कार्य हो रहा है. चिकित्सक बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं.

Posted By : Sameer Oraon

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