रांची के निजी स्कूल की महिलाकर्मी ने प्राचार्य पर लगाया शारीरिक-मानसिक शोषण का आरोप

कडरू स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा पर स्कूल की ही एक महिलाकर्मी ने शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इस आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 26, 2022 1:42 PM
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Ranchi : कडरू स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल के प्राचार्य मनोज कुमार सिन्हा पर स्कूल की ही एक महिलाकर्मी ने शारीरिक और मानसिक रूप से शोषण करने का आरोप लगाया है. पीड़िता ने अरगोड़ा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इस आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. शिकायतकर्ता महिला ने पुलिस को बताया कि वह 22 जुलाई 2019 से स्कूल में संविदा पर काम कर रही है. शुरुआत से ही महिलाकर्मी के प्रति स्कूल के प्राचार्य का व्यवहार ठीक नहीं है. प्राचार्य अक्सर किसी न किसी बहाने महिलाकर्मी को अपने चेंबर में बुलाते और उसके साथ अश्लील हरकत करते. तब महिला अपनी सुरक्षा के लिए मोबाइल फोन ऑन करके छिपा कर अपने पास रखने लगी. वहीं, महिलाकर्मी के व्हाट्सऐप नंबर पर प्राचार्य अश्लील मैसेज और वीडियो भी भेजने लगा. जब उनसे ऐसा करने को मना किया, तो धमकी भी दी गयी.

प्राचार्य की हरकतों से तंग आकर एक शिक्षिका ने छोड़ी नौकरी

पीड़िता ने पुलिस को यह भी बताया कि उसके पास कुछ वीडियो रिकॉर्डिंग भी है. उसने जब प्राचार्य की हरकतों का विरोध किया, तो आरोपी ने महिलाकर्मी को ही धमका दिया. प्रशासन के कुछ आला अधिकारियों के साथ अपनी तस्वीर दिखा कर स्कूल की महिलाकर्मी से प्राचार्य ने कहा कि प्रशासन मेरे हाथ में है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है. वहीं, महिला ने अपने साथ हुए घटना की जानकारी स्कूल के कुछ शिक्षकों को भी दी थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से स्कूल बंद हो गया. महिलाकर्मी ने यह आरोप भी लगाया है कि उसके जॉब प्रोफाइल से अलग काम भी उससे कराये गये.

पीड़िता के अनुसार, स्कूल के प्राचार्य की गलत हरकत से तंग आकर स्कूल की एक शिक्षिका नौकरी छोड़ चुकी है. प्राचार्य एक अन्य शिक्षिका से गलत कर चुके हैं, लेकिन नौकरी चले जाने के डर से कोई कुछ नहीं बोलता है.

शारीरिक संबंध बनाने का भी बनाया दबाव

स्कूल की महिलाकर्मी ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में इस बात भी उल्लेख किया है कि वह गरीब परिवार से है. उसके ऊपर ही पूरे परिवार की जिम्मेवारी है. इस कारण उसे नौकरी की काफी आवश्यकता थी. इस वजह से वह प्राचार्य की हरकतों को नजरअंदाज करती रही. लेकिन, प्राचार्य के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं आया. कुछ दिनों बाद प्राचार्य ने अपनी गलत मंशा को पूरी करने के लिए महिलाकर्मी की ड्यूटी स्कूल के सिक रूम (गेस्ट हाउस) में लगा दी. स्कूल से छुट्टी होने के बाद प्राचार्य भी सिक रूम में आते-जाते थे. वहीं, प्राचार्य ने मुझपर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव भी बनाया. इसके एवज में करियर में ऊंचाई तक ले जाने और अन्य कई तरह के प्रलोभन भी दिये.

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