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Ranchi news : जलवायु परिवर्तन के कारकों को कम करने के लिए सामूहिक भागीदारी जरूरी : सचिव

झारखंड की जलवायु सहनशीलता के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गयी. नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने राज्य की जलवायु चुनौतियों से निपटने की तैयारी पर विमर्श किया.

रांची. राज्य के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा असेसिंग वल्नरेबिलिटी एंड रिस्क : स्ट्रैटेजिक फॉर ए क्लाइमेट रेसिलिएंट झारखंड विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी. इसमें झारखंड की जलवायु सहनशीलता के लिए रणनीतियों पर चर्चा की गयी. नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने राज्य की जलवायु चुनौतियों से निपटने की तैयारी पर विमर्श किया. कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए वन सचिव अबु बकर सिद्दकी ने जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (एसएपीसीसी) के अनुसार राज्य में किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया. देश के राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों में झारखंड की भागीदारी सुनिश्चित करने में योगदान पर चर्चा की. उन्होंने राज्य में जलवायु परिवर्तन के कारकों को कम करने के लिए सामूहिक और स्थानीय दृष्टिकोण की जरूरत बतायी. कार्यशाला में आइआइटी मंडल, आइआइटी (आइएसएम) धनबाद, नाबार्ड, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, बीआइटी मेसरा, जीआइजेड, टीइआरआइ, आइइइएफए, पीडब्ल्यूसी समेत अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.

टिकाऊ और जलवायु संवेदनशील भविष्य बनाने की दिशा में काम कर रहा विभाग

कार्यशाला में प्रधान मुख्य वन संरक्षक व वन बल प्रमुख (पीसीसीएफ एंड एचओएफएफ) सत्यजीत सिंह ने जलवायु परिवर्तन का असर कम करने के लिए की जा रहीं विभागीय गतिविधियों पर बातें की. कहा : राज्य में बड़े पैमाने पर पौधारोपण, मृदा व जल संरक्षण, वन्यजीव सुरक्षा की पहल जैसे कार्य पूरी गंभीरता और ईमानदारी से किये जा रहे हैं. वन विभाग राज्य के लिए टिकाऊ और जलवायु संवेदनशील भविष्य बनाने की दिशा में काम कर रहा है. भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की वैज्ञानिक सुशीला नेगी ने जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में केंद्र सरकार की कोशिशों के बारे में जानकारी दी. जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए रणनीतिक तैयार करने में राष्ट्रीय मिशन (एनएमएसकेसीसी) में वैज्ञानिक हस्तक्षेपों की जरूरत बतायी. श्रीमती नेगी ने राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ स्थानीय जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए राज्य सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की.

मजबूत कार्बन बाजार ढांचा विकसित करने की जरूरत

अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ-सीएएमपीए) रवि रंजन ने कहा कि समुदायों और संस्थानों को जलवायु जोखिमों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सशक्त बनाना जरूरी है. वित्त विभाग के सचिव प्रशांत कुमार ने राज्य में मजबूत कार्बन बाजार ढांचा विकसित करने की जरूरत बतायी. कहा कि कार्बन बाजारों और जलवायु वित्त का लाभ उठाकर राज्य वैश्विक रुझानों के साथ तालमेल बैठाते हुए जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है. कार्यशाला में टास्क फोर्स ऑन सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन के अध्यक्ष डॉ एके रस्तोगी समेत अन्य वक्ताओं ने भी विचार व्यक्त किये.

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