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जनजाति सुरक्षा मंच की रांची जिला इकाई ने किया राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया

जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश युवा संयोजक सन्नी उरांव ने कहा की डी-लिस्टिंग की मांग का विरोध करने वाले उनके द्वारा कराये जा रहे धर्मांतरण और आदिवासियों की जमीन पर कब्जे के विषय में क्यों नहीं बोलते?

By Prabhat Khabar News Desk | February 10, 2024 3:41 AM

रांची : जनजाति सुरक्षा मंच की रांची जिला इकाई द्वारा राजभवन के समक्ष जनजाति समाज से धर्मांतरित लोगों को जनजाति की सूची से हटाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया गया. मौके पर झारखंड आदिवासी सरना विकास समिति के अध्यक्ष सह जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश प्रवक्ता मेघा उरांव ने कहा कि जब-जब ईसाइयों पर संकट आता है, तब-तब वे आदिवासी एकता और सरना-ईसाई भाई-भाई की बात करते हैं. हम लोगों पर समाज को बांटने और लड़ाने का आरोप लगाने वालों से कहना है कि समाज को बांटने और लड़ाने का काम हम लोगों का नहीं, बल्कि चर्च मिशनरियों का है. आदिवासियों के पूजा स्थल सरना को नष्ट भ्रष्ट करने वाले, छल कपट से धर्मांतरण कराने वाले, आदिवासी आस्था को भूत प्रेत और शैतान की पूजा कहने वाले, असभ्य और हड़िया दारु पीने वाला बताने वाले वे ही हैं. भगवान बिरसा मुंडा को जेल भिजवाने वाले, पत्थलगड़ी के नाम से अलग देश, अलग संविधान की मांग करने वाले, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड का बहिष्कार करनेवाले लोग वे ही हैं. उन्होंने ही 1970 में कार्तिक उरांव द्वारा उठाये गये विषय का विरोध किया था. चार फरवरी को रांची में डी-लिस्टिंग का विरोध करने वाले भी वे ही हैं.

गिरजाघर और कब्रिस्तान की भूमि की उच्च स्तरीय जांच हो

जनजाति सुरक्षा मंच के क्षेत्रीय संयोजक संदीप उरांव ने सरकार से मांग की कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में बने गिरजाघर और कब्रिस्तान की भूमि की उच्च स्तरीय जांच करायी जाये. साथ ही पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में वक्फ बोर्ड द्वारा चिह्नित भूमि की भी जांच हो. विभिन्न सरकारी पदों पर आसीन धर्मांतरित लोगों की जांच करानी चाहिए. विधानसभा में जनजाति समस्याओं पर निगरानी के लिए एक कमेटी गठित हो.

विशेष सत्र बुला कर डी-लिस्टिंग की मांग को पारित करें

प्रांत संयोजक हिंदुवा उरांव ने कहा कि डी-लिस्टिंग की मांग को विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर पारित किया जाये. जनजाति सुरक्षा मंच के प्रदेश युवा संयोजक सन्नी उरांव ने कहा की डी-लिस्टिंग की मांग का विरोध करने वाले उनके द्वारा कराये जा रहे धर्मांतरण और आदिवासियों की जमीन पर कब्जे के विषय में क्यों नहीं बोलते? धरना प्रदर्शन में जनजाति सुरक्षा मंच की महिला प्रमुख अंजली लकड़ा, रवि मुंडा, प्रदीप लकड़ा, अशोक मुंडा, राजू उरांव, अजय भोगता, बलवंत तिर्की, जयमंत्री उरांव, विश्वकर्मा पाहन, विकास उरांव, साजन मुंडा, मनोज भगत, रोशनी खलखो, जिला संयोजक जगरनाथ भगत सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे.

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