भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान की बाघिन सरस्वती की रविवार सुबह 9:00 बजे मौत हो गयी. वह पांच साल 10 माह थी. वर्ष 2018 में बाघिन अनुष्का ने इसे जन्म दिया था. बाघ-बाघिन की औसत उम्र 13 से 15 साल के बीच होती है. जैविक उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश साहु के अनुसार, बाघिन सरस्वती 22 नवंबर से ही बीमार चल रही थी. उसका इलाज 23 नवंबर को रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय विशेषज्ञ डॉ अभिषेक व डॉ प्रवीण कुमार ने किया था. चिकित्सकों के निर्देश पर उसके खून की जांच करायी गयी थी. रिपोर्ट में उसे किडनी की बीमारी पायी गयी थी. 30 नवंबर को रांची पशुचिकित्सा महाविद्यालय विशेषज्ञ दल ने गहन जांच की थी. हालांकि, किडनी में संक्रमण कम नहीं हो रही थी. उद्यान प्रबंधन द्वारा देश के अन्य चिड़ियाघरों के पशु चिकित्सकों से भी परामर्श लिया था, लेकिन सरस्वती को नहीं बचाया जा सका. डॉ एमके गुप्ता और डॉ संजीत कुमार ने मृत बाघिन का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम के बाद डाक्टरों के दल ने प्रथमदृष्टया बाघिन की मौत का कारण किडनी की बीमारी बताया. गहन जांच के लिए मृत बाघिन के विभिन्न अंगों के सैंपल लिये गये हैं. इन सैंपलों को जांच के लिए आइवीआरआइ बरेली व रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय भेजा गया है.
Also Read: टाटा स्टील झारखंड लिटरेरी मीट रांची के ऑड्रे हाउस में, जाने-माने लेखक और साहित्यकार करेंगे शिरकत