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प्रतिबंध के दावे फेल: सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश किया गया गुटखा, हाइकोर्ट ने अधिकारियों को लगायी फटकार

राज्य में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से गुटखा की बिक्री को लेकर हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई.

रांची : राज्य में प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से गुटखा की बिक्री को लेकर हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मामले की सुनवाई कर रही चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान ही एक स्टाफ दुकान से विभिन्न कंपनियों के उत्पाद (प्रतिबंधित पान मसाले और तंबाकू के पाउच) खरीद कर ले आया. चीफ जस्टिस ने उन उत्पादों को दिखाते हुए विशेष सचिव से पूछा : यह किस तरह का प्रतिबंध है. ये चीजें हर जगह खुलेआम कैसे बिक रही हैं?

खंडपीठ ने कहा : राज्य में तंबाकू मिक्स गुटखा कम बिक रहा है, लेकिन पान मसाला और जर्दा (तंबाकू) अलग-अलग पाउच में हर जगह खुलेआम बेचा जा रहा है. लोग आसानी से इसे खरीते हैं और पान मसाला में तंबाकू मिला कर खाते हैं. सरकार को भी सब पता है. यह जांच का नहीं, एक्शन लेने का विषय है. क्या एक्शन लेंगे, इसकी जानकारी दें. जिंदगी महंगी है, लेकिन तंबाकू सस्ता बिक रहा है. गुटखा पर प्रतिबंध हाथी के दिखाने के दांत जैसे हैं.

मामले की अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी. खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दाैरान फूड शेफ्टी विभाग के सचिव उपस्थित रहने को कहा है. खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया. सुनवाई के दौरान फूड एंड सेफ्टी विभाग के सचिव उपस्थित नहीं हो सके. उनकी जगह विशेष सचिव उपस्थित थे. खंडपीठ ने विशेष सचिव से पूछा कि गुटखा पर प्रतिबंध के दो साल हो गये.

प्रतिबंध लगाने के पहले क्या कोई स्टडी करायी गयी थी या बिना स्टडी के ही पॉलिसी बना दी गयी. इस पर विशेष सचिव ने बताया कि कोई स्टडी या सर्वे नहीं हुआ है. इससे पूर्व प्रार्थी फरियाद फाउंडेशन की अोर से अधिवक्ता सुष्मिता लाल ने पैरवी की. राज्य सरकार की अोर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखा.

हाइकोर्ट का कड़ा रुख, पूछे सवाल

  • जिंदगी महंगी है, पर तंबाकू सस्ता बिक रहा है

  • गुटखा पर प्रतिबंध ‘हाथी के दिखाने के दांत’ जैसा

हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दायर करने का निर्देश दिया अगली सुनवाई चार दिसंबर को

  • प्रतिबंधित गुटखा, पान मसाला, तंबाकू राज्य में कैसे मिल व पहुंच रहा है? यह हर जगह आसानी से कैसे बिक रहा है?

  • राज्य के इंट्री प्वाइंट पर ईमानदार अफसर तैनात किये जाते हैं या पैरवी वाले. क्या उन अफसरों के एसेट की जांच की जाती है?

  • कितने लोग पान मसाला व तंबाकू मिलाकर खाते हैं? गुटखा या पान मसाला खाने से कितने बीमार हुए? कितनों की जान गयी?

गुटखा की बिक्री के खिलाफ राज्य भर में छापेमारी, मेदिनीनगर से तीन गिरफ्तार : प्रतिबंधित गुटखा, पान-मसाला और जर्दा की बिक्री के खिलाफ शुक्रवार को पूरे राज्य में प्रशासन ने छापेमारी अभियान चलाया. मेदिनीनगर, रंका, जयनगर और झरिया में तंबाकू उत्पाद बरामद किये गये. मेदिनीनगर में गुटखा बिक्री के आरोप में तीन लोग पकड़े गये हैं. मुख्य कारोबारी मकसूद मियां और ट्रांसपोर्ट संचालक फरार हैं.

यहां 78 बोरा गुटखा जब्त किया गया. रंका में तंबाकू-गुटखा बेचनेवाले दो लोग हिरासत में लिये गये. जयनगर में तंबाकू बिक्री के आरोप में दो लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. घाटोटांड़ में सात दुकानों में छापा मारा गया और तंबाकू उत्पाद जब्त किये गये. झरिया में 10 लाख कीमत का गुटखा, पान-मसला, सिगरेट और जर्दा जब्त किया गया.

Posted by : Pritish Sahay

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