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रांची कांके गोलीकांड: कारोबारी के बयान पर चितरंजन, कृष्णा व पंकज पर केस, हालत अब भी नाजुक

जानकारी के अनुसार गोली लगने से अवधेश के फेफड़े को क्षति पहुंची है. ऑपरेशन कर उसके शरीर से दो गोलियां निकाल दी गयी हैं. जब मरीज की सेहत में थोड़ा सुधार होगा

कांके ब्लाॅक गेट के सामने हुए गोलीकांड में घायल जमीन कारोबारी अवधेश यादव गुरुवार को गंभीर रूप से जख्मी हो गये थे. ऑपरेशन के पूर्व उनसे लिये गये बयान के आधार पर कांके थाना में अवधेश यादव के पार्टनर चित्तरंजन कुमार (शुक्ला कॉलोनी, डोरंडा तथा मूल रूप से शेखपुरा निवासी), पिठोरिया निवासी कृष्णा नायक तथा चितरंजन के स्टाफ पंकज कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. तीनों अभी फरार है. पुलिस उनके ठिकाने पर छापेमारी कर रही है. इधर, इस संबंध में एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा का कहना है कि अनुसंधान जारी है. मामले में शीघ्र सफलता मिलेगी. चिकित्सकों के अनुसार अवधेश की हालत स्थिर है. हालांकि अभी उन्हें खतरे से बाहर नहीं कहा जा सकता.

गोली लगने से अवधेश के फेफड़ा को हुई है क्षति :

जानकारी के अनुसार गोली लगने से अवधेश के फेफड़े को क्षति पहुंची है. ऑपरेशन कर उसके शरीर से दो गोलियां निकाल दी गयी हैं. जब मरीज की सेहत में थोड़ा सुधार होगा, तब मेडिकल टीम जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लेगी. फिलहाल अवधेश वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. दवाइयों के जरिये उनके शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखा जा रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक मरीज के लिए अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं.

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चित्तरंजन ने सेवानिवृत्त दारोगा सहित कई लोगों से की है ठगी : पुलिस के अनुसार अवधेश ने अपने बयान में गोली मरवाने का आरोप अपने पुराने पार्टनर चित्तरंजन कुमार पर लगाया है़ चित्तरंजन ने सेवानिवृत दारोगा सहित कई लोगों से ठगी की है. उसने सेवानिवृत्त दारोगा ललन सिंह से आठ डिसमिल जमीन के नाम पर 35 लाख रुपये लिये थे. वह जमीन अरसंडे निवासी आशुतोष सिंह के नाम से था. लेकिन उसने केवल चार डिसमिल जमीन की रजिस्ट्री की और बाकी जमीन की रजिस्ट्री कराने के लिए कहने पर धमकी देने लगा. इस संबंध में कांके थाना में सेवानिवृत्त दारोगा ललन सिंह ने 19 अगस्त को कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

अवधेश का चित्तरंजन से पूर्व में भी हो चुका है विवाद :

अवधेश ने पुलिस को बताया कि वह चित्तरंजन के कई राज जानता है. इस बात को लेकर कई बार चितरंजन से उसका विवाद भी हो चुका है. अब अवधेश अपना काम करता है. पुराना विवाद व राज खुल जाने के डर से चित्तरंजन ने अवधेश पर गोली चलवायी है. चित्तरंजन मूल रूप से शेखपुरा का रहने वाला है. शेखपुरा पुलिस भी उसके ठिकाने पर छापामारी करने गयी थी़ पुलिस के अनुसार चित्तरंजन पर जगतपुरम काॅलोनी, भिट्ठा, चौड़ी बस्ती, एदलहातू आदि जगहों में रैयतों को डरा-धमका कर जमीन पर जबरन कब्जा करने के कई आरोप हैं. जमीन कब्जा के लिए उसने दर्जनों लोगों का गुट बना कर रखा है.

एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को दिया निर्देश – जमीन के मामले से खुद को अलग रखें

रांची. एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को ग्रामीण, शहर तथा ट्रैफिक थाना प्रभारियों के साथ अलग-अलग बैठक की. बैठक में उन्होंने सभी थाना प्रभारियों से जमीन के मामले में अलग रहने को कहा है. उनके निर्देश के बाद थामकुम थाना में पंपलेट चिपकाया गया. इसमें लिखा है कि भू-माफिया और जमीन दलालों का थाना परिसर में प्रवेश निषेध है.

जाम से निजात के लिए चलेगा विशेष अभियान :

एसएसपी ने बैठक में जाम की समस्या से निबटने के लिए भी विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है. अभियान चलाने के लिए अभी दिन तय नहीं किया गया है. एसएसपी ने कहा कि यह अभियान अचानक चलाया जायेगा. इधर, एसएसपी ने जिला के पुलिसकर्मियों के लिए भी आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.

रिम्स की अधिग्रहित जमीन पर कब्जा करने के आरोप में दो जमीन कारोबारी गिरफ्तार

रिम्स द्वारा अधिग्रहित जमीन पर कब्जा करने के आरोप में शुक्रवार को बरियातू थाना की पुलिस ने दो जमीन कारोबारियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार एक आरोपी का नाम कुंदन कुमार शर्मा है. वह एदलहातू पर्वत बिहार कॉलोनी का रहने वाला है. दूसरे आरोपी का नाम अमृतेष कुमार है. वह शाहदेव नगर हेहल पिस्का मोड़ का रहने वाला है. तीसरा आरोपी वहां से भाग निकला.

उसका नाम सोनू कुमार शरण है. वह नामकुम तेतरी का रहने वाला है. तीसरे आरोपी की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है. मामले में रिम्स निदेशक के आदेश पर रिम्स के संपदा पदाधिकारी ने बरियातू थाना में तीनों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है. संपदा पदाधिकारी की ओर से पुलिस को बताया गया कि रिम्स द्वारा खाता नंबर 246, 247 और 130 का अधिग्रहण किया गया है. उक्त आरोपी रिम्स न्यू ट्रॉमा सेंटर के पीछे स्थित जमीन को खोदकर भूमि पर अवैध कब्जा कर रहे थे. रिम्स चिकित्सा उपाधीक्षक ने सूचना मिलने पर सुरक्षाकर्मियों को वहां भेजा था. सुरक्षाकर्मियों ने देखा कि वहां जमीन पर निर्माण कार्य किया जा रहा है. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने दो आरोपियों को पकड़कर बरियातू पुलिस को सौंप दिया.

रिम्स प्रबंधन करायेगा घेराबंदी, चार करोड़ के खर्च का अनुमान :

रिम्स द्वारा पूर्व में जिस जमीन अधिग्रहण किया गया है, अब उसे बचाने के लिए रिम्स प्रबंधन उसकी घेराबंदी करायेगा. प्रबंधन ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इस पर चार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.

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