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Ranchi News: रांची मेन रोड दंगा मामले में 11 लोगों पर मुकदमा चलाने की डीसी ने मांगी अनुमति

सीआईडी ने भी जांच के बाद उक्त आरोपियों को दोषी पाया है. इसी जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. सीआईडी ने कहा है कि रांची के मेन रोड में 10 जून 2022 को हुए दंगे में धार्मिक उपद्रव फैलाने और दूसरे की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में 11 आरोपियों पर मुकदमा चलाने की जरूरत है.

By Mithilesh Jha | February 2, 2023 3:42 PM

Ranchi Riots News Update: झारखंड की राजधानी रांची में पिछले साल हुए दंगा मामले में 11 लोगों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी सरकार से मांगी गयी है. सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 11 लोगों के खिलाफ दंगा भड़काने के साक्ष्य मिले हैं. इन सभी लोगों पर धार्मिक उपद्रव फैलाने और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप हैं. इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी जाये.

रांची के उपायुक्त ने गृह सचिव को भेजा प्रस्ताव

इसके लिए रांची के उपायुक्त ने गृह सचिव के पास एक प्रस्ताव भेज दिया है. प्रस्ताव में जिन लोगों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मांगी गयी है, उनके नाम प्राथमिकी अभियुक्त मो साबिर अंसारी, मो सरफराज, तबारक कुरैशी, मो शहबाज, मो उस्मान उर्फ करण, मो अफसर के अलावा अप्राथमिकी अभियुक्त मो अरमान हुसैन, मो रमजान, मो अमजद, मो माज और मो इरफान अंसारी हैं.

गृह विभाग को भेजी अनुसंधान रिपोर्ट, केस डायरी

इसके साथ आरोपियों पर दर्ज केस की प्रति, अनुसंधान से संबंधित रिपोर्ट और केस डायरी भी भेजी गयी है. मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए सीआईडी एसपी ने डीसी से पत्राचार किया था. उल्लेखनीय है कि घटना के बाद रांची के डेली मार्केट थाना में उक्त आरोपियों के खिलाफ दर्ज केस की जांच वर्तमान में सीआईडी कर रही है.

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10 जून 2022 को रांची में हुआ था दंगा

सीआईडी ने भी जांच के बाद उक्त आरोपियों को दोषी पाया है. इसी जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. सीआईडी ने कहा है कि रांची के मेन रोड में 10 जून 2022 को हुए दंगे में धार्मिक उपद्रव फैलाने और दूसरे की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के आरोप में 11 आरोपियों पर मुकदमा चलाने की जरूरत है.

उपद्रवियों ने एसएसपी और सिटी एसपी को घेर लिया था

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 10 जून को रांची में अचानक दंगा भड़क उठा था. एकाएक भीड़ ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी. पत्थरबाजी में पुलिसकर्मियों समेत 50 से अधिक लोग घायल हो गये थे. हिंसा में घायल हुए मोहम्मद कैफ और मोहम्मद शाहिल की मौत हो गयी थी. उस दिन रांची के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा और सिटी एसपी अंशुमान को उपद्रवियों ने घेर लिया. उनके साथ धक्का-मुक्की भी की.

उपद्रवियों की गोली से घायल हुआ था जैप-3 का जवान

इतना ही नहीं, उपद्रवियों ने फायरिंग भी कर दी थी. धनबाद के गोविंदपुर स्थित जैप-3 के सिपाही अखिलेश कुमार (35) के एक सिपाही के पैर में गोली लगी. पत्थरबाजी में भी कई पुलिसकर्मी घायल हो गये थे. सभी पुलिसकर्मियों का मेडिका अस्पताल में इलाज कराया गया था. उपद्रवियों ने मेन रोड पर खड़ी गाड़ियों के अलावा मीडियाकर्मियों के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था.

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नूपुर शर्मा के बयान के विरोध के नाम पर उपद्रवियों ने मचाया था तांडव

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता नूपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद के बारे में दिये गये विवादित बयान के बाद पूरे देश में एक समुदाय विशेष के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया था. राजस्थान में तो एक व्यक्ति की बड़ी ही बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर दी गयी थी. गला रेतने का बाकायदा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया गया था.

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