रांची में सात करोड़ का मार्केट बेकार, फुटपाथ पर ही जमे हैं फल-सब्जीवाले, पैदल चलना भी हुआ मुश्किल
झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग ने इस सड़क का चौड़ीकरण कराया. सड़क लगभग 40 फीट चौड़ी हो गयी. लेकिन हालत यह है कि शाम में सड़क 10 फीट चौड़ी भी नहीं रहती
रांची :
हरमू चौक के पास आवास बोर्ड ने वर्ष 2011-12 में सात करोड़ की लागत से मार्केट बनाया. इसमें फुटपाथ पर फल, सब्जी व मांस-मछली बेचनेवालों के लिए 200 दुकानें बनायी गयीं. दुकानें लॉटरी से आवंटित भी कर दी गयीं. लेकिन मार्केट की दुकानों को सब्जीवालों ने गोदाम बना दिया और वह फिर फुटपाथ पर ही बैठ गये. आवास बोर्ड का यह मार्केट अब नशेड़ियों-शराबियों का अड्डा बन गया है. आज स्थिति ऐसी हो गयी है कि सड़क पर सब्जी मार्केट की वजह से इस रास्ते पर अब लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. पहले दुकानें सिर्फ शाम में सजती थीं, पर अब सुबह छह बजे से ही दुकानें लग जाती हैं.
बाजार लगने से संकरी हुई सड़क, स्थिति बदतर :
हरमू चौक से गंगानगर और विद्यानगर जाने वाली सड़क पहले लगभग 20 फीट चौड़ी थी. झारखंड सरकार के पथ निर्माण विभाग ने इस सड़क का चौड़ीकरण कराया. सड़क लगभग 40 फीट चौड़ी हो गयी. लेकिन हालत यह है कि शाम में सड़क 10 फीट चौड़ी भी नहीं रहती. दिन में भी स्थिति बदतर ही रहती है. सड़क पर अस्थायी निर्माण कर सब्जी मार्केट बना दिया गया है.
बचे-खुचे हिस्से पर ठेला-खोमचा बेचनेवाले बैठ जाते हैं. दोपहिया-चारपहिया गाड़ियां भी सड़क पर ही लगती हैं. यह हाल हरमू चौक से हरमू न्यू ब्रिज तक है. न्यू ब्रिज के पास तो अतिक्रमणकारियों ने स्थायी निर्माण शुरू कर दिया है. यही हालत हरमू चौक से मुक्तिधाम जानेवाली सड़क की भी है. यहां सड़क पर पूजा दुकानवालों ने दुकान सजा दी है और आगे मांस-मछली बेचनेवालों ने. इन सबको आवास बोर्ड के मार्केट में जगह दी गयी है. पर वहां शिफ्ट नहीं हो रहे. फुटपाथ पर ही जमे हैं.
बन गया है नशेड़ियों का अड्डा :
सात करोड़ की लागत से बना यह मार्केट नशेड़ियों का अड्डा बन गया है. शाम होते ही गंजेड़ी-नशेड़ी बैठ जाते हैं और यह क्रम देर रात तक चलता है. कई बार इसकी शिकायत भी पुलिस से की गयी है, लेकिन इसका असर नहीं होता. हरमू न्यू ब्रिज के पास सजी दुकानों में भी शाम होते ही शराबियों की भीड़ लग जाती है. इस रास्ते से महिलाओं-लड़कियों का चलना दूभर हो गया है.
आवास बोर्ड और नगर निगम से की गयी है शिकायत
स्थानीय नागरिकों ने आवास बोर्ड और नगर निगम से इन परेशानियों की शिकायत भी की है. आवास बोर्ड के एमडी अमित कुमार कहते हैं कि मार्केट में दुकान मिलने के बाद भी आवंटियों द्वारा फुटपाथ पर ही व्यवसाय करने की सूचना मिलने के बाद उन्हें नोटिस जारी किया गया है. आवंटियों के साथ बैठक कर इसका कारण भी मालूम करने की कोशिश की गयी. उनका कहना है कि दुकानों के आवंटियों से अधिक संख्या फुटपाथ पर व्यापार करने वालों की है. इसका हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है.
नगर निगम के अभियान में बाधा डालते हैं स्थानीय नेता
नगर निगम की टीम जब भी यहां अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचती है, तो तुरंत कुछ स्थानीय नेता यहां दुकानदारों के समर्थन में पहुंच जाते हैं. इसमें यहां के पूर्व वार्ड पार्षद भी हैं. उन्हें अपने वोट बैंक की चिंता है. वे यहां आकर निगम की टीम को अतिक्रमण हटाने से रोकते हैं.