झारखंड (Jharkhand Latest News) की राजधानी रांची में नगर निगम ने एक कॉलेज के पास गड्ढा खोदकर छोड़ दिया. एक सप्ताह बीत गये. बरसात की वजह से इस गड्ढे में पानी भर गया है. इसने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. गड्ढा इतना बड़ा है कि कोई भी गाड़ी यहां से पार नहीं हो सकती. मुख्य सड़क तक जाने में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
डोरंडा कॉलेज के पुराने मेन गेट के पास खोदा गड्ढा
डोरंडा कॉलेज के पुराने मेन गेट के पास इस गड्ढे को पार करने के लिए स्थानीय लोगों ने बांस और उस पर पटरा डालकर रास्ता तैयार किया है. जान जोखिम में डालकर लोग इस पटरे पर चलकर रास्ता पार कर रहे हैं. चूंकि इस सड़क पर आवागमन का दबाव बहुत ज्यादा है, ऐसे में इस पटरे के ज्यादा दिन तक टिकने की उम्मीद नजर नहीं आती.
Also Read: Jharkhand News : झारखंड में 1932 के खतियान की घोषणा का विरोध, रांची के 6 लोगों को नोटिस
आम लोगों में निगम के प्रति आक्रोश
स्थानीय लोगों में रांची नगर निगम के प्रति आक्रोश है. रास्ते से हर दिन आवागमन करने वाले लोगों का कहना है कि यह सड़क मुख्य पथ को पारस टोली से जोड़ती है. नाला निर्माण के नाम पर एक सप्ताह पहले गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया. शहर में लगातार बारिश हो रही है. बारिश के पानी से यह गड्ढा भर गया है. एक सप्ताह से यह सड़क आवागमन के लायक नहीं रही.
मुख्य सड़क पर जाने के लिए तय करना होता है लंबा रास्ता
लोग कह रहे हैं कि मुख्य सड़क पर इतना बड़ा गड्ढा कर दिया गया है, जिसने हमारी परेशानी बढ़ा दी है. गाड़ी से आना-जाना करने वालों को मुख्य सड़क तक जाने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है. इसी रास्ते से स्कूल और कॉलेज के बच्चे भी आना-जाना करते हैं. उन्हें भी इसी पटरे के सहारे आना-जाना पड़ता है.
मानसून में निगम ने गड्ढा क्यों खोदा?
बारिश का मौसम होने की वजह से बांस और पटरे पर फिसलन का डर हमेशा बना रहता है. बेहद सावधानी से लोगों को पटरे पर चलकर नाला को पार करना पड़ता है. अगर किसी का पैर फिसल जाये, तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है. स्थानीय लोग कह रहे हैं कि अगर निगम को काम नहीं करना था, तो मानसून के सीजन में गड्ढा खोदने की क्या जरूरत थी.
रिपोर्ट- राजकुमार