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रांची में जलजमाव की स्थिति के लिए नगर निगम के अलावा राजधानीवासी भी जिम्मेदार, इन वजहों से बढ़ी समस्या

जलजमाव का बड़ा कारण अतिक्रमणकारियों पर निगम अधिकारियों की मेहरबानी भी है. नतीजा शहर के बड़े-बड़े नाले आज छोटी-छोटी नालियों में तब्दील होते जा रहे हैं

By Prabhat Khabar News Desk | October 3, 2023 12:18 PM
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रांची : राजधानी में रविवार को भारी बारिश हुई. इस कारण लगभग पूरा शहर जलमग्न हो गया. सड़कें तालाब में तब्दील हो गयी. वहीं, शहर के कई हिस्सों में दुकानों के अंदर बारिश का पानी प्रवेश कर गया. इसके बाद कहा जाता रहा है कि निगम की सफाई व्यवस्था बेहतर नहीं होने से शहर की स्थिति नारकीय स्थिति हुई. वहीं, देखा जाये, तो इस जलजमाव को आमंत्रण देने में शहरवासियों का भी हाथ कम नहीं है. क्योंकि आज लोग एक-एक इंच जमीन पर कब्जा करने के लिए नाले पर ही मकान, दुकान और दीवार का निर्माण कर दे रहे हैं. नतीजा, यहां जलजमाव जैसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

अतिक्रमणकारियों पर निगम मेहरबान :

जलजमाव का बड़ा कारण अतिक्रमणकारियों पर निगम अधिकारियों की मेहरबानी भी है. नतीजा शहर के बड़े-बड़े नाले आज छोटी-छोटी नालियों में तब्दील होते जा रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत निगम के पास नहीं होती है. लेकिन निगम की नक्शा शाखा के अभियंता ऐसे लोगों से मिलकर अपनी जेबें भरने के चक्कर में अवैध निर्माण से आंखें मूंद लेते हैं. नतीजा नालों की जमीन पर भी धड़ल्ले से अवैध निर्माण हो जाता है. फिर जब जोरदार बारिश होती है, तो पानी नाला से निकलकर सड़कों पर ही फैल जाता है.

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निगम का इंजीनियरिंग सेल भी जिम्मेवार :

राजधानी की सड़कों पर जलजमाव होने में नगर निगम के इंजीनियरों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. ये अपने कमीशन के लिए नाला पर भी हो रहे अवैध निर्माण को नहीं रोकते हैं. इसके अलावा बिना निकासी का बना नाला भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. निगम के इंजीनियरिंग सेल द्वारा ऐसे दर्जनों नालों का निर्माण किया गया है, जिसमें कहीं से निकासी ही नहीं है. नतीजा जब बारिश होती है, तो पानी नाला में तो जाता है. लेकिन आउटलेट नहीं होने से पानी वापस सड़क पर ही आ जाता है.

सेवा सदन में अनियमित तरीके से बना है नाला

सेवा सदन के पास हर बारिश में जलजमाव हो जाता है. लेकिन इसका एक कारण खराब इंजीनियरिंग के साथ-साथ नाले पर किया गया अतिक्रमण भी है. क्योंकि बकरी बाजार के समीप यही नाला आठ फीट तक चौड़ा है. वहीं बड़ा तालाब के पास पहुंचते-पहुंचते यह नाला कहीं पर दो फीट तो कहीं पर तीन फीट चौड़ा रह गया है.

लाइन टैंक तालाब के पास थम जाता है पानी

जयपाल सिंह स्टेडियम की ओर से आने वाला पानी नाले से होकर लाइन टैंक तालाब की और निकलता है. लेकिन स्टेडियम की ओर नाले की मोटाई अधिक है. वहीं हलधर प्रेस गली जहां से पानी निकलता है, वहां अतिक्रमण कर नाले को संकरा कर दिया गया है. नतीजा ऊपर से जो भी पानी आता है. फ्लो नहीं होने के कारण यह सड़क पर ही थम जाता है.

रातू रोड कब्रिस्तान के पास संकरा नाला से जलजमाव

रातू रोड कब्रिस्तान के समीप भी हर साल हल्की सी बारिश में ही जलजमाव हो जाता है. इसका एकमात्र कारण कब्रिस्तान के समीप का नाला है, जो काफी पतला है. जबकि इसी नाले में ऊपर से मोटे-मोटे नाले से होकर पानी आता है. ऐसे में यहां पर पानी थम जाता है. इसलिए जब तक इस नाले को तोड़कर इसे चौड़ा नहीं किया जायेगा, तब तक हल्की सी बारिश में ही यहां जलजमाव होना तय है.

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