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झारखंड : रांची नगर निगम ने करोड़ों खर्च कर डिस्टिलरी तालाब को पार्क बनाया, अब लाखों की डाली जा रही मिट्टी

रांची के कोकर स्थित डिस्टिलरी तालाब को करोड़ों खर्च कर पहले पार्क बनाना और अब फिर लाखों कर मिट्टी भरवाई जा रही है. बिना प्लानिंग के काम करने और जनता का पैसा पानी में बहने को लेकर रांची नगर निगम के कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं.

Jharkhand News: 3.29 करोड़ की राशि खर्च कर वर्ष 2017 में रांची नगर निगम ने डिस्टिलरी तालाब को भर कर वहां पार्क का निर्माण कराया. दो साल तक पार्क ठीक-ठाक चला. इसके बाद बरसात के दिनों में जलजमाव के कारण पार्क को बंद कर दिया गया. पिछले तीन साल से पार्क बंद है. अब रांची नगर निगम एक बार फिर से 60 लाख रुपये खर्च कर मिट्टी भरवा रहा है, ताकि जलजमाव न हो. जलजमाव के कारण यहां लगाये गये विदेशी घास व फूल सड़ गये. इसके बाद ठेकेदार ने इस पार्क के आधे हिस्से में रेस्टोरेंट बना दिया. एक साल तक यहां रेस्टोरेंट चलता रहा. फिर निगम ने ठेकेदार को टर्मिनेट कर पार्क को कब्जे में ले लिया. लेकिन, पार्क का देखरेख करना निगम भूल गया.

शुरू से हो रहा था विरोध

वर्ष 2016 में जब नगर निगम द्वारा पार्क निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गयी, तो इसके विरोध में खुद मेयर आशा लकड़ा भी उतर आयी थीं. वह चाहती थीं कि तालाब को नहीं भरा जाये. इसको लेकर मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय से खफा थीं. जब इस तालाब को भरा जा रहा था, तो मेयर ने कहा था कि मुझे आशंका है कि यहां पार्क लंबे समय तक चलेगा. जलजमाव की आशंका बनी रहेगी. मेयर की आपत्ति के बाद भी यहां पार्क बना. इसका उद्घाटन तत्कालीन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने किया.

तीन एकड़ में फैला तालाब

डिस्टिलरी तालाब का क्षेत्रफल तीन एकड़ था. लेकिन नगर निगम ने पार्क बनाने के चक्कर में पहले इसमें मिट्टी भर दी. मिट्टी भरने के बाद तालाब के बीचों बीच एक आर्टिफिशियल तालाब बनाया गया. जो 100 फीट गुणा 50 फीट साइज का है.

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जानें डिस्टिलरी तालाब का इतिहास

डिस्टिलरी तालाब का निर्माण वर्ष 1901 में किया गया था. उस समय इसका निर्माण राय बहादुर ठाकुर जायसवाल द्वारा किया गया था. चूंकि उस समय शहर की आबादी कम थी, साथ ही डिस्टिलरी तालाब के बगल में ही इंडस्ट्री थी, तो पानी की जरूरत इसी तालाब से पूरी होती थी. उस समय इसका निर्माण डैम की तर्ज पर किया गया था.

जलजमाव रोकने के लिए भरवायी जा रही मिट्टी : डिप्टी मेयर

इस संबंध में उप महापौर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि निचले हिस्से में बने होने के कारण यहां अत्यधिक जलजमाव होता था. इसे देखते हुए पार्क में नये सिरे से मिट्टी भरवायी जा रही है, ताकि बरसात के दिनों में जलजमाव न हो. 60 लाख की लागत से नाली, बाउंड्री व पाथ वे का निर्माण किया जायेगा.

डिप्टी मेयर की जिद के कारण तालाब बर्बाद : प्रोफेशनल कांग्रेस

वहीं, प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष आदित्य विक्रम जायसवाल ने कहा कि डिप्टी मेयर की जिद के कारण तालाब बर्बाद हो गया. आज यह तालाब रहता, तो कोकर में जलस्तर ऊंचा रहता. हमारी मांगों को अनसुना कर पार्क बना दिया गया.निगम कितनी भी मिट्टी भरवाये, जलजमाव तो रहेगा.

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