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रांची नगर निगम फुटपाथ दुकानदारों को लोन देने के लिए की तैयारी, लेकिन नहीं मिल रहे दुकानदार

केंद्र सरकार की योजना के तहत फुटपाथ दुकानदारों को लोन देने के लिए की तैयारी, लेकिन नहीं मिल रहे दुकानदार

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2020 11:35 AM

रांची : लॉकडाउन में काफी संख्या में लोगों का रोजी-रोजगार छिन गया. ऐसे लोगों को वापस राेजगार उपलब्ध कराने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा कई कदम उठाये जा रहे हैं. इसी कड़ी में फुटपाथ दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का लोन दिया जाना है. रांची में फुटपाथ दुकानदारों को लोन देने के लिए नगर निगम तलाश कर रहा है, लेकिन उसे दुकानदार मिल ही नहीं रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, निगम ने 6400 फुटपाथ दुकानदारों को लोन देने की तैयारी की है. हालांकि, अब तक मात्र 3700 के आसपास ही फुटपाथ दुकानदार लोन लेने के लिए आगे आये हैं. ऐसे में अब नगर निगम ने चौक-चौराहे पर कैंप लगा कर फुटपाथ दुकानदारों को लोन देने की तैयारी की है.

चार साल पहले किये सर्वे के आधार पर हो रही तलाश :

वर्ष 2016 में रांची नगर निगम क्षेत्र में फुटपाथ दुकानदारों का सर्वे किया गया था. इस दौरान शहर की सभी प्रमुख सड़कों का सर्वे किया गया था और 5901 फुटपाथ दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन कर सूची बनायी गयी थी. योजना के तहत निगम इन रजिस्टर्ड फुटपाथ दुकानदारों को ही लोन देना है. निगम के कर्मचारी हाट-बाजारों में वर्ष 2016 की सूची में दर्ज दुकानदारों की खोज कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सूचीबद्ध फुटपाथ दुकानदार मिल ही नहीं रहे हैं. आसपास लगनेवाले दूसरे फुटपाथ दुकानदारों से पूछताछ की जा रही है, पर वे भी कुछ बताने में असमर्थ हैं.

कर्मचारियों की पीड़ा, कहां खोजें :

रजिस्टर्ड फुटपाथ दुकानदारों को खोजने में लगे कर्मचारियों की अलग ही पीड़ा है. उनका कहना है कि हमें निर्देश दिया गया है कि हर हाल में सभी को खोज कर लोन देना है. लेकिन सूची में दर्ज अधिकतर लोग अब बाजार में मिल ही नहीं रहे हैं. जो मिल जा रहे हैं, उन्हें तो तुरंत लोन दे दिया जा रहा है. लेकिन जो नहीं मिल रहे हैं, उन्हें हम कहां से तलाश करें?

एक निगमकर्मी ने उदाहरण देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में जब लालपुर सब्जी मंडी का सर्वे हुआ था, तब 300 फुटपाथ दुकानदारों को सूचीबद्ध किया गया था. अब लोन देने के लिए सब्जी मंडी में गया, तो पुरानी सूची के अनुसार मात्र 150 के आसपास ही फुटपाथ दुकानदार मिले. बाकी के दुकानदारों को खोजने में आठ दिन लग गये हैं, उनका भी अब तक कोई पता नहीं है.

posted by : sameer oraon

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