रांची नगर निगम की कार्यशैली पर खड़े हो रहे सवाल, चार माह बाद भी अतिक्रमणकारियों पर नहीं हुई कार्रवाई
राजधानी में जलस्रोतों पर अतिक्रमण करनेवालों को चार माह पहले नोटिस देने के बाद से नगर निगम खामोश है. इन अतिक्रमणकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
राजधानी रांची के जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त बनाये रखने को लेकर झारखंड हाइकोर्ट गंभीर है. बीते 22 अगस्त को इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने रांची नगर निगम को इस दिशा में कड़े कदम उठाने के आदेश दिये थे. कहा था कि नगर निगम प्राथमिकता तय करते हुए जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त कराये. साथ ही यह भी सुनिश्चित करे कि जलस्रोतों में किसी प्रकार की गंदगी न जाने पाये.
हालांकि, मौजूदा हालात नगर निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. हालत यह है कि राजधानी में जलस्रोतों पर अतिक्रमण करनेवालों को चार माह पहले नोटिस देने के बाद से नगर निगम खामोश है. इन अतिक्रमणकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.
19 अप्रैल को निगम ने दिया था अंतिम नोटिस :
रांची नगर निगम ने 19 अप्रैल को कांके डैम और बड़ा तालाब के किनारे चिह्नित किये गये कुल 90 अतिक्रमणकारियों को अंतिम नोटिस दिया था. जारी नोटिस में अतिक्रमणकारियों से कहा गया था कि वे स्वेच्छा से अपने-अपने अवैध निर्माण को तोड़ लें, अन्यथा 15 दिन बाद रांची नगर निगम जबरन इन भवनों को तोड़ने की कार्रवाई करेगा. हालांकि, चार माह बाद भी नगर निगम ने किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है.
कहां, कितने अतिक्रमणकारी चिह्नित
कांके डैम : 66
बड़ा तालाब : 24
हिनू नदी : 71
हरमू नदी : 35
क्या कहा था नगर निगम ने:
अतिक्रमणकारी खुद तोड़ दें अपने अवैध निर्माण, वरना 15 दिन बाद नगर निगम इन भवनों को तोड़ना शुरू करेगा. इधर, जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर गंभीर है हाइकोर्ट, नगर निगम को दिये हैं कड़े कदम उठाने के आदेश
राजधानी के जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त बनाने को लेकर रांची नगर निगम गंभीर है. माननीय हाइकोर्ट द्वारा भी इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है. बहुत जल्द नगर निगम चिह्निति किये गये अवैध निर्माणों को हटाने की दिशा में कार्रवाई करेगा.
– अमीत कुमार, प्रशासक निगम