खुले नाले में गिरकर सचिवालय कर्मी की मौत, लेकिन रांची नगर निगम नहीं कर रहा कोई व्यवस्था

रांची के एक खुले नाले में गिरकर सचिवालय कर्मी की मौत हो गयी है. घटना मंगलवार रात की है. ऐसी घटना कई बार हो चुकी है. लेकिन नगर निगम ने अब तक इस पर कोई पहल नहीं की है.

By Sameer Oraon | September 22, 2022 8:58 AM

रांची: रांची के कुसई कॉलोनी के पास खुले स्लैबवाले नाले में गिरने से सचिवालय कर्मी राधे साव (56) की मौत हो गयी. घटना मंगलवार रात की है. राधे साव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सचिवालय में आदेशपाल थे. वह पीएचइडी कॉलोनी के क्वार्टर नंबर -2 में रहते थे. आशंका जतायी जा रही है कि राधे साव जब कुसई चौक से अपने क्वार्टर लौट रहे होंगे, तो अंधेरे के कारण बिना स्लैबवाले नाले में गिर गये होंगे.

वह रातभर नाला में पड़े रहे जिस कारण उनके पेट में पानी भर गया़. उनके तीन पुत्र हैं, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इस कारण पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सचिवालय के कर्मियों ने चंदा कर कुछ राशि उसकी पत्नी को दी़ उसके बाद परिजन शव लेकर समस्तीपुर चले गये. राधे मूल रूप से समस्तीपुर के विद्यापति धनेशपुर गांव के रहनेवाले थे.

अब तक जा चुकी है तीन की जान :

खुले नालों में गिरकर अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है. लेकिन नालों को ढंकने की कार्रवाई अब तक निगम द्वारा नहीं की गयी है. सरकार से फंड नहीं मिलने के कारण इस साल मॉनसून में निगम ने खुले नालों के समीप रेड रिबन से घेराबंदी करके ऐसे जगहों पर खतरनाक नाला का संकेतक लगाया था.

रहें सावधान : अब भी रांची में 844 किलोमीटर खुले हैं नाले

रांची. रांची नगर निगम के 53 वार्डों में नालों की कुल लंबाई 1401 किमी है. इसमें से 557 किमी नाले ही ऐसे हैं, जिनमें अब तक स्लैब लगा है. बाकी के 844 किमी नाले ऐसे हैं, जिनमें स्लैब नहीं लगा है. नतीजा हर साल बिना स्लैब के इन नालों में गिरकर लोगों की जान चली जाती है. लेकिन नगर निगम की नींद अब तक नहीं खुली है.

शहर के सभी खुले नालों को ढंकने को लेकर रांची नगर निगम ने वर्ष 2019 में खुले नालों का सर्वे किया था. सर्वे के बाद पूरे शहर के खुले नालों की रिपोर्ट सरकार के पास भेजकर 200 करोड़ राशि मांगी की गयी थी. अब तक रािश नहीं मिली है. यह राशि अगर मिल जाती, तो शहर के खतरनाक व बड़े नालों को प्राथमिकता के आधार पर ढंका जा सकता है. वहीं, आये िदन हो रही दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है.

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