मैरेज व बैंक्वेट हॉल की मनमानी पर रांची नगर निगम सख्त, रात 10 के बाद डीजे बजा, तो लाइसेंस होगा रद्द
रांची शहर में मैरेज व बैंक्वेट हॉलों की संख्या 170 से अधिक है. लेकिन इसमें से मात्र 31 मैरेज व बैंक्वेट हॉल ही ऐसे हैं, जिनके पास लाइसेंस हैं. बाकी के सारे भवनों का संचालन ऐसे ही हो रहा है
शहर के मैरेज व बैंक्वेट हॉल की मनमानी इन दिनों चरम पर है. नियम कानूनों को धत्ता बताकर यहां रात के 12 से लेकर एक बजे तक तेज धुन पर डीजे बजाया जाता है. इसे देखते हुए निगम के अपर नगर आयुक्त कुंवर सिंह पाहन ने सभी मैरेज व बैंक्वेट हॉल के लिए आदेश जारी किया है. श्री पाहन ने कहा है कि अगर किसी भी मैरेज व बैंक्वेट हॉल में रात 10 बजे के बाद डीजे बजता है, तो ऐसे मैरेज व बैंक्वेट हॉल का लाइसेंस रद्द किया जायेगा.
शहर में 170 से अधिक मैरेज हॉल, लाइसेंस केवल 31 के पास:
रांची शहर में मैरेज व बैंक्वेट हॉलों की संख्या 170 से अधिक है. लेकिन इसमें से मात्र 31 मैरेज व बैंक्वेट हॉल ही ऐसे हैं, जिनके पास लाइसेंस हैं. बाकी के सारे भवनों का संचालन ऐसे ही हो रहा है. बिना लाइसेंस के चल रहे इन भवनों पर किसी तरह की कार्रवाई नगर निगम द्वारा नहीं की जाती है.
शहर में 5000 से अधिक लॉज-हॉस्टल, रजिस्ट्रेशन मात्र 135 का : रांची में लॉज हॉस्टलों की संख्या पांच हजार से अधिक है. इसमें से मात्र 135 लॉज हॉस्टल ही ऐसे हैं, जिन्होंने नगर निगम से लाइसेंस लिया है. बाकी के लॉज-हॉस्टल का संचालन अवैध रूप से किया जा रहा है. इन लॉज व हॉस्टलों में निगम के गाइडलाइन के अनुरूप कोई व्यवस्था नहीं रहती है. इससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है.
इन नियमों का पालन करने पर ही निगम जारी करता है लाइसेंस :
शहर में लॉज व हॉस्टल चलाने के लिए नगर निगम द्वारा नियमावली बनायी गयी है. इसके तहत जिन भवनों का नक्शा पास होगा, सुरक्षा के दृष्टिकोण से जहां गार्ड, सीसीटीवी सहित भवन में पर्याप्त पार्किंग, वेंटिलेशन की सुविधा होगी, ऐसे भवनों में ही लॉज व हॉस्टल चलाने के लिए नगर निगम अनुमति देगा.