Ranchi News: कमलेश कुमार के खिलाफ कांके थाना में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज
Ranchi News: रांची के जमीन कारोबारी कमलेश कुमार के खिलाफ कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है. ईडी की रेड के एक दिन बाद आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई.
Ranchi News: जमीन कारोबारी कमलेश कुमार के खिलाफ कांके थाना में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. कमलेश के ठिकानों पर शुक्रवार (21 जून) को केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी. उसके ठिकानों से एक करोड़ रुपए और 100 कारतूस बरामद हुए थे.
कमलेश कुमार को ईडी ने कई बार जारी किया था समन
रांची में भूमि घोटाला मामले में जमीन कारोबारी कमलेश कुमार के यहां ईडी ने छापेमारी की थी. उस पर आरोप है कि फर्जी दस्तावेज के सहारे उसने जमीन की खरीद-बिक्री की. इस मामले में ईडी की ओर से उसे कई बार समन जारी किए गए, लेकिन वह एक बार भी पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुआ.
22 जून को कांके थाना में कमलेश कुमार पर दर्ज हुई प्राथमिकी
कमलेश कुमार लगातार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से समय मांगता रहा. बाद में वह फरार हो गया. हालांकि, एक कार्यक्रम के दौरान वह रांची में देखा गया था. इसके बाद शुक्रवार (21 जून) को ईडी ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी में उसके घर से 1 करोड़ रुपए नकद और 100 कारतूस बरामद हुए. इसके बाद शनिवार (22 जून) को राजधानी रांची के कांके थाना में उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया.
कांके रोड के चांदनी चौक में कमलेश कुमार के घर पड़ी थी रेड
ईडी ने कांके रोड के चांदनी चौक स्थित एस्टर ग्रीन अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 603-सी में छापेमारी की, जो कमलेश कुमार का आवास है. इसी फ्लैट से ईडी की टीम ने जमीन के कारोबार से जुड़े कई दस्तावेज और राइफल के 100 कारतूस बरामद किए. हालांकि, उसके घर से राइफल नहीं मिली.
ईडी से बार-बार समय मांगता रहा, बाद में फरार हो गया कमलेश
ईडी की पूछताछ से बचने के लिए उसने समय मांगी और उसके बाद फरार हो गया. हालांकि, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले दिनों झारखंड आईं थीं, तो उनके कार्यक्रमों में कमलेश कुमार को भी देखा गया था. इससे पहले जमीन घोटाले की जांच के दौरान ईडी को फर्जी जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले गिरोह के सरगना अफसर अली के घर से 36 फर्जी डीड मिले थे.
अफसर के घर से मिली थी 200 एकड़ से ज्यादा जमीन की सेल डीड
अफसर अली के घर से मिले दस्तावेजों की जांच के दौरान ही ईडी को पता चला कि 200 एकड़ से ज्यादा जमीन की फर्जी सेल डीड बनी थी. इसमें कुछ जमीनों की खरीद-बिक्री में कमलेश भी लिप्त था. ईडी ने सरकार को दस्तावेज सौंपते हुए इस मामले की जांच कराने का आग्रह किया, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.