Ranchi News: राही डूमरचीर की प्रथम काव्य कृति गाडा टोला का लोकार्पण, साहित्य से जुड़े कई लोग हुए शामिल

Ranchi News: शुक्रवार (20 दिसंबर) को डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण, शोध संस्थान रांची की ओर से प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में राही डूमरचीर की प्रथम काव्य -कृति गाडा टोला का लोकार्पण सह कृति परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

By Pritish Sahay | December 20, 2024 7:24 PM

Ranchi News: शुक्रवार (20 दिसंबर) को डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण, शोध संस्थान रांची की ओर से प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में राही डूमरचीर की प्रथम काव्य -कृति गाडा टोला का लोकार्पण सह कृति परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. अध्यक्षीय  वक्तव्य देते हुए डॉ अशोक प्रियदर्शी ने कहा की गाडा टोला की कविताएं हमें मौन में ले जाती हैं. इन कविताओं को पढ़ते हुए कवि की भावना के साथ हम सहज रूप से जुड़ जाते हैं .मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए प्रसिद्ध आलोचक प्रोफेसर रविभूषण ने कहा कि इस वर्ष प्रकाशित हिंदी के 10 अच्छे कविता संग्रहों में से गाडा टोला एक है. समकालीन हिंदी कविता के परिदृश्य में यह काव्य कृति अपनी शानदार उपस्थित रखेगी. राही डूमरचीर नवीन दृष्टि संपन्न ,गहन संवेदना के कवि हैं. वह स्थानिकता के साथ-साथ वैश्विकता के कवि हैं. वे लोकल, नेशनल, ग्लोबल प्रश्न उनके यहां एक साथ मौजूद हैं. यथार्थ -बोध ,जीवनबोध, इतिहास बोध ,समयबोध  सब एक साथ उनके यहां दर्ज है. कम शब्दों में वे बड़े सवाल उठाते हैं. समकालीन हिंदी कविता में उनकी उपस्थिति दमदार  है.

प्रकृति से जोड़ती हैं राही डूमरचीर की कविताएं- डॉ माया प्रसाद

राही डूमरचीर  की कविताएं बदलते समय की तकलीफ को अभिव्यक्त करती हैं .विशिष्ट वक्ता के तौर पर वरिष्ठ साहित्यकार डॉ माया प्रसाद ने कहा कि राही डूमरचीर की कविताएं हमें प्रकृति से जोड़ती हैं. इन कविताओं में पूरे प्रदेश के दोहन की व्यथा  अभिव्यक्त है. कवि की कविताएं नये सौंदर्य बोध से संपृक्त हैं और अनूठी हैं. बीजवकतव्य देते हुए प्रसिद्ध कथाकार रणेंद्र ने कहा कि राही डूमरचीर की कविताएं जल ,जंगल, जमीन, हवा और खुशबू की बात करती कविताएं हैं .यहां के गांव-घर आदिवासी दर्शन को कहती कविताएं हैं. सहजता से अपनी बात रखना इन कविताओं की एक बड़ी खूबसूरती है. इस अवसर पर साहित्यकार महादेव टोप्पो ने कहा कि राही डूमरचीर आदिवासी दर्शन को लेकर जिस तरह से कविताएं रच रहे हैं वह हिंदी कविता को आश्वस्त करती हैं.

इस अवसर पर युवा आलोचक डॉ जिंदर सिंह मुंडा ने कहा कि राही की कविताओं में प्रयुक्त शब्द हमें नई शब्दावली देते हैं .राही ने अपनी कविता में संताली के कई सुंदर शब्दों को सहज रूप से स्थान दिया है ;वह हिंदी भाषा को समृद्ध करता है .साथ ही उनकी प्रेम की कविताएं एक नए कलेवर में सामने आती हैं. इस अवसर पर डॉ उर्वशी, डॉ सावित्री बडाईक, डॉ प्रज्ञा गुप्ता साहित्यकार प्रमोद झा, आलोचक -चिंतक सुधीर सुमन, कवि प्रकाश देवकुलिश ,कहानीकार पंकज मित्र ने भी अपने विचार रखें.

साहित्य से जुड़े कई लोग हुए शामिल

कार्यक्रम में कवि राही डूमरचीर, कहानीकार रश्मि शर्मा, कहानीकार कमल, कवयित्री सुरेंद्र कौर नीलम, चित्रकार भारती, कवि प्रेम रंजन अनिमेष, कहानीकार चंद्रिका ठाकुर, फिल्मकार निरंजन शब्द कार टीम के सदस्य, रांची विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के शोधार्थी एवं  छात्र, रांची विमेंस कॉलेज की छात्राएं एवं बड़ी संख्या में साहित्य अनुरागी उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन कवि चेतन कश्यप ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन कवयित्री पार्वती तिर्की ने किया.

Next Article

Exit mobile version